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हवाई पट्टी, जिसका 50 साल में कभी नहीं हुआ इस्तेमाल

08:46 AM Dec 30, 2023 IST
जींद के बीड़ बड़ा वन में झाड़ियों में अस्तित्व खो रही हवाई पट्टी। -हप्र

जसमेर मलिक / हप्र
जींद, 29 दिसंबर
जींद में पुराना हांसी रोड पर बीड़ बड़ा वन में एक ऐसी हवाई पट्टी है, जिसका इस्तेमाल निर्माण के 50 साल बाद एक बार भी नहीं हो पाया है। यह हवाई पट्टी अब रखरखाव के अभाव में अपना अस्तित्व खो रही है। 1973 में जब चौधरी बंसीलाल प्रदेश के सीएम थे, तब उन्होंने जींद के बीड़ बड़ा वन में लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण करवाया था।
हवाई पट्टी का निर्माण किसी भी आपातकालीन स्थिति में इस पर फाइटर एयरक्राफ्ट से लेकर हेलीकॉप्टर आदि की लैंडिंग के मकसद से करवाया गया था। इसके निर्माण पर उस समय लाखों रुपए की राशि खर्च हुई थी। डेढ़ किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी इतनी मजबूत बनाई गई थी कि इस पर फाइटर एयरक्राफ्ट आसानी से लैंड और टेक ऑफ कर सकता था। हवाई पट्टी बीड़ बड़ा वन में इसलिए बनाई गई थी ताकि, इस पर दुश्मन देश के फाइटर जेट आदि की नजर नहीं पड़े। सामरिक दृष्टि से बीड़ बड़ा वन में हवाई पट्टी का निर्माण हुआ था।
जींद में वन्य प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर मनबीर सिंह का कहना है कि बीड़ बड़ा वन एक आरक्षित अभयारण्य है। इसमें बनी हवाई पट्टी को अब ढूंढना भी मुश्किल हो गया है। डेढ़ किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी पर घास और झाड़ियां उगी हुई हैं। यह हवाई पट्टी अब इस्तेमाल के लायक नहीं रही है।

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योजना ठंडे बस्ते में

यह ऐसी हवाई पट्टी है, जिसके निर्माण के बाद इस पर न तो किसी फाइटर प्लेन की लैंडिंग हुई और न ही इसे कभी हेलीकॉप्टर आदि की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए इस्तेमाल किया गया। रखरखाव के अभाव में हवाई पट्टी अब अपना अस्तित्व खो रही है। हवाई पट्टी पर अब घास और झाड़ियां उग आई हैं। इनके नीचे हवाई पट्टी अब ठीक से नजर भी नहीं आ रही। लगभग 4 साल पहले जींद के घोघडियां गांव समेत कई गांवों में हवाई पट्टी के लिए सर्वे हुआ था। उस समय उम्मीद बनी थी कि बीड़ बड़ा वन में अपना अस्तित्व खो रही, बिना इस्तेमाल हुई हवाई पट्टी को नया जीवन मिल सकता है, लेकिन बाद में जींद में हवाई पट्टी के निर्माण की योजना ठंडे बस्ती में चली गई।

जींद की इस हवाई पट्टी के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। विभाग से हवाई पट्टी का पता करवाएंगे। अगर इसे रिवाइव करके इस पर ट्रेनी प्लेन की लैंडिंग संभव हुई तो इस पर काम किया जाएगा।


-दुष्यंत चौटाला, सिविल एविएशन मंत्री, हरियाणा
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