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वायुसेना के शुभांशु शुक्ला 8 जून को जाएंगे अंतरिक्ष स्टेशन

05:35 AM May 16, 2025 IST
वायुसेना के शुभांशु शुक्ला 8 जून को जाएंगे अंतरिक्ष स्टेशन
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नयी दिल्ली, 15 मई (एजेंसी)
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आठ जून को चालक दल के तीन अन्य सदस्यों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होंगे। अमेरिका की वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान कंपनी ‘एक्सिओम स्पेस’ और नासा ने इस बात की पुष्टि की है।
यह मिशन पहले 29 मई को आईएसएस के लिये रवाना होने वाला था, लेकिन अब अंतरिक्ष यान को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार आठ जून की शाम छह बजकर 41 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा। नासा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘अंतरिक्ष स्टेशन के उड़ान कार्यक्रम की समीक्षा के बाद, नासा और उसके साझेदार कई आगामी मिशनों के प्रक्षेपण अवसरों को पुनर्निर्धारित कर रहे हैं।’ शुक्ला की यह यात्रा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की 1984 की ऐतिहासिक उड़ान के लगभग चार दशक बाद हो रही है। शुक्ला स्पेसएक्स के ‘ड्रैगन’ अंतरिक्षयान से उड़ान भरेंगे। इस मिशन में पोलैंड और हंगरी के भी अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जो इन देशों की पहली अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यात्रा है।
इस मिशन में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज्नांस्की शामिल हैं, जो 1978 के बाद पोलैंड के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे। वहीं, टिबोर कपु 1980 के बाद हंगरी के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन इस मिशन की कमान संभालेंगी। यह उनका दूसरा वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष मिशन होगा। व्हिटसन अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड रखती हैं। एएक्स-4 मिशन के तहत चारों अंतरिक्ष यात्री ‘स्पेसएक्स ड्रैगन’ से अंतरिक्ष स्टेशन जाएंगे और वहां लगभग 14 दिन बिताएंगे।

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मेथी और मूंग को अंकुरित करने का होगा परीक्षण

शुक्ला अंतरिक्ष में सात प्रयोग करेंगे जो सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के क्षेत्र में भारत-केंद्रित अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाएगा। इन प्रयोगों में भारत के पारंपरिक खाद्य पदार्थों जैसे कि मेथी और मूंग को अंतरिक्ष में अंकुरित करने का परीक्षण भी शामिल है। इसरो भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन को वर्ष 2035 तक स्थापित करने और 2047 तक मानव को चंद्रमा पर भेजने की योजना पर काम कर रहा है।

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