For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

वायु सैनिकों ने किया प्रदर्शन, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

11:43 AM Jul 21, 2024 IST
वायु सैनिकों ने किया प्रदर्शन  शहीदों को दी श्रद्धांजलि
बठिंडा में शनिवार को एयरफोर्स स्टेशन पर प्रदर्शन करते वायुसैनिक। -निस
Advertisement

विकास कौशल/निस
बठिंडा, 20 जुलाई
कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर वायुसेना स्टेशन भिसियाना में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। यह महत्वपूर्ण आयोजन भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन सफेद सागर और भारतीय सेना के ऑपरेशन विजय की परिणति के बाद 1999 में कारगिल संघर्ष में भारत की जीत की 25वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
भारतीय वायु सेना की नंबर 17 स्क्वाड्रन, जिसे गोल्डन एरो के नाम से जाना जाता है, जो उस समय भिसियाना एयरफील्ड में स्थित थी। उस समय ऑपरेशन सफेद सागर में सक्रिय रूप से भाग लिया और दुश्मन सैनिकों को खदेड़ने के लिए कई टोही और स्ट्राइक मिशन उड़ाए। इसके लिए स्क्वाड्रन को ऑपरेशन के दौरान अपनी सराहनीय सेवा के लिए प्रतिष्ठित ‘बैटल ऑनर्स’ से सम्मानित किया गया। ऑपरेशन के दौरान, स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने मिग 21 विमान उड़ाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया और उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए उन्हें मरणोपरांत ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आज वायुसेना स्टेशन भिसियाना में युद्ध स्मारक पर पश्चिमी वायु कमान के वरिष्ठ वायु कर्मचारी अधिकारी एयर मार्शल पीके वोहरा ने पुष्पांजलि अर्पित की।
इस कार्यक्रम में पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ (सेवानिवृत्त), अलका आहूजा (स्वर्गीय स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा की पत्नी), ऑपरेशन सफेद सागर पुरस्कार विजेता और भारतीय वायुसेना के अधिकारी भी मौजूद थे। हवाई प्रदर्शन किया गया जिसमें आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम द्वारा पैरा-ड्रॉप, तीन राफेल और तीन जगुआर लड़ाकू विमानों द्वारा विक फॉर्मेशन में फ्लाईपास्ट, एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा स्लिथरिंग और स्मॉल टीम इंसर्शन एंड एक्सट्रैक्शन (एसटीआईई) ऑपरेशन और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान द्वारा निम्न स्तरीय हवाई कलाबाजी शामिल थी। इस कार्यक्रम स्कूली बच्चों सहित 5000 से अधिक दर्शकों ने हवाई प्रदर्शन देखा, जिसमें वायु योद्धाओं की बहादुरी, सटीकता और समर्पण का प्रदर्शन हुआ और युवा पीढ़ी पर भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन सफेद सागर के संचालन की अमिट छाप छोड़ी।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×