वायुसेना ने उतारे कमांडो, नौसेना ने डाकुओं से मुक्त कराया जहाज
अजय बनर्जी/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 17 मार्च
संयुक्त रूप से संचालन के प्रदर्शन में भारतीय वायु सेना के सी-17 के जरिये भारतीय नौसेना को अरब सागर में एक कठिन कार्य को अंजाम देने में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नौसेना की कार्रवाई में 35 समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया। नौसेना ने कहा कि जहाज, जो एक मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का लगभग 37,800 टन माल ले जा रहा है, सुरक्षित भारत लाया जाएगा।
नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया। नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था। एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन की समुद्री यात्रा की क्षमता का आकलन किया जा रहा है और पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है, जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है। इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा। बयान में कहा गया है कि दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डाकू द्वारा बंधक बनाए गए जहाज रुएन से जुड़े समुद्री डकैती विरोधी अभियान की परिणति शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के फिर से सिर उठाने को विफल करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं। वायुसेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया, ‘एकजुटता और समन्वय के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, वायुसेना के सी-17 विमान ने जलदस्यु के खिलाफ चल रहे अभियान ‘संकल्प’ के समर्थन में भारतीय नौसेना के मार्कोस के साथ दो सीआरसीसी नौकाओं को अरब सागर में सटीक स्थान पर उतारा।’