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एम्स शिलान्यास घोषणा ने बढ़ाया इंद्रजीत का कद, विरोधियों को झटका

10:18 AM Feb 10, 2024 IST
राव इंद्रजीत

असीम यादव/हमारे प्रतिनिधि
नारनौल, 9 फरवरी
रेवाड़ी में एम्स के शिलान्यास के लिए 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की घोषणा से क्षेत्र के लोगों व राव इंद्रजीत समर्थकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। भाजपा में और बाहर राव इंद्रजीत विरोधी नेता यह प्रचार कर रहे थे कि अब उनका समय गया। प्रधानमंत्री चुनावों के बाद ही एम्स के शिलान्यास करेंगे। उन्हें इस कार्यक्रम की घोषणा से झटका लगा है। 2023 के अंतिम पखवाड़े में केंद्रीय कैबिनेट ने मनेठी-माजरा एम्स के लिए संशोधित बजट को मंजूरी दी थी। इसके बाद से ही इसके शिलान्यास को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी। जिस तरह से फरवरी के आखिरी सप्ताह में आचार संहिता लगने की खबरें आ रही थी, उसे देखते हुए वर्तमान कार्यकाल में शिलान्यास होना मुश्किल नजर आ रहा था। भाजपा में राव इंद्रजीत विरोधियों की भी यही मंशा थी कि शिलान्यास टल जाए और अगर कार्यक्रम हो भी तो वह नारनौल में 152-डी राजमार्ग के लोकार्पण के साथ हो। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह ने माजरा गांव में ही शिलान्यास कार्यक्रम रखवाकर विरोधियों को सीधा सा जवाब दिया है कि दक्षिणी हरियाणा में उन्हें कमतर आंकने की भूल ना की जाए। एम्स का निर्माण कार्य एलएंडटी कंपनी को सौंपा जा चुका है। इस पर करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत आएगी। कंपनी को एलओए भी जारी किया जा चुका है। यह देश का 22वां एम्स होगा। राज्य सरकार ने भी माजरा एम्स को रेवाड़ी-जैसलमेर नेशनल हाईवे-11 से जोड़ने के लिए रेलवे ओवरब्रिज की मांग को प्रशासनिक स्वीकृति पहले ही प्रदान कर दी थी।

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शुक्रवार को रेवाड़ी के कस्बा कुंड स्थित उप तहसील परिसर में धरने को संबोधित करते एक वक्ता। -हप्र

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में मनेठी में एम्स की स्वीकृति प्रदान की थी। मनेठी में अरावली की जमीन होने के कारण व किसानों की सरकार को जमीन देने की पहल पर यह प्रोजेक्ट माजरा में आ गया। ज्यादा समय बीत जाने के कारण पहले से तैयार किए गए अनुमानित बजट में महंगाई बढ़ने के कारण संशोधन की जरूरत पड़ी। इस कारण इस प्रोजेक्ट के ठंडे बस्ते में जाने की चर्चाएं शुरू हो गई। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पहल से केंद्रीय कैबिनेट ने बजट में संशोधन का बिल पास किया। एनएच-11 से एम्स तक पहुंचने के लिए अभी रेलवे अंडरपास बने हुए हैं। वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए एम्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण जरूरी है। एम्स के पास से ही रेवाड़ी-रिंगस रेलवे लाइन और डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर की रेल लाइनें गुजरती हैं। इन लाइनों पर ओवरब्रिज बनाने के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया था।

एम्स संघर्ष समिति का बेमियादी धरना जारी रहा

रेवाड़ी (हप्र) : ‘लड़े हैं और जीते हैं’ के नारे के साथ एम्स संघर्ष समिति द्वारा गांव माजरा में एम्स निर्माण की मांग को लेकर कस्बा कुंड स्थित उप तहसील परिसर में बेमियादी धरना 131वें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष व पूर्व सरपंच श्योताज सिंह मनेठी ने की। कैलाश यादव मनेठी, लक्ष्मण सिंह, दयाराम, दयानंद, कर्नल राजेंद्र सिंह, जितेन्द्र कुमार शर्मा, मूलचंद आर्य, भूप सिंह आर्य, एचडी यादव, रामनिवास शर्मा भालखी, रामस्वरूप अहरोद, ओमप्रकाश सैन ने गांव माजरा में एम्स निर्माण का श्रेय क्षेत्र की जनता के 5 साल 6 माह के संघर्ष को दिया। उन्होंने कहा कि जनता ने इतना लंबा संघर्ष कर इतिहास रच दिया है। आज उसी का ही परिणाम है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को एम्स का शिलान्यास करने गांव माजरा आएंगे। समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि 14 फरवरी को धरनास्थल पर जनआभार सभा की जाएगी जिसमें एमबीबीएस क्लास लगाने व ओपीडी शुरू करवाने के बारे में समीक्षा भी की जाएगी।

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दक्षिणी हरियाणा के लिए है बड़ी सौगात : यादव

राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के प्रयासों की बदौलत एम्स के शिलान्यास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम बन गया है। एम्स के शिलान्यास के बाद जल्द ही इसका निर्माण होगा व निर्माण के साथ ही ओपीडीपी शुरू कर दी जाएगी। यह एम्स रेवाड़ी के साथ-साथ महेंद्रगढ़ व साथ लगते राजस्थान के लिए भी एक बहुत बड़ी सौगात है। यह एम्स बनने के बाद आसपास के क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जयपुर, रोहतक व चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा।

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