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AI Technology : क्या आप उदास होने पर एआई से बातचीत करते हैं? जानिए चैटबॉट्स को कहां से मिलती हैं जानकारियां

06:27 PM Jun 14, 2025 IST

ब्रिस्बेन, 14 जून (द कन्वरसेशन)

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AI Technology : दुनियाभर में ज्यादा से ज्यादा लोग चैटजीपीटी समेत विभिन्न एआई चैटबॉट पर बातचीत करके समय बिता रहे हैं। ऐसे में इनपर मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से बातचीत होना स्वाभाविक हो गया है। इस मामले में कुछ लोगों के अनुभव सकारात्मक रहे हैं, जिनके लिए एआई एक सस्ते थैरेपिस्ट की तरह काम करता है। एआई थैरेपिस्ट नहीं है। वे होशियार और लोगों को जुड़ाव महसूस कराने वाले तो होते हैं, लेकिन वे मनुष्यों की तरह नहीं सोच पाते।

चैटजीपीटी और अन्य जनरेटिव एआई मॉडलों ने इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को पढ़कर-समझकर बातचीत करना सीखा है। जब कोई व्यक्ति एक प्रश्न (जिसे प्रॉम्प्ट कहा जाता है) पूछता है, जैसे कि “मैं तनावपूर्ण कामकाजी बैठक के दौरान कैसे शांत रह सकता हूं?” तो एआई अपने आप शब्दों का चयन करके प्रतिक्रिया तैयार करता है। वह अपने प्रशिक्षण के दौरान इन शब्दों से परिचित होता है।

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यह सब इतनी तेजी से होता है, तथा जवाब इतने प्रासंगिक होते हैं कि ऐसा लगता है जैसे आप किसी व्यक्ति से बात कर रहे हों। इन मॉडल की मनुष्य से तुलना नहीं की जा सकती। ये प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर नहीं हैं। ये दिशा-निर्देशों के तहत काम करने वाले, आचार संहिता का पालन करने वाले, या पंजीकृत पेशेवर नहीं होते। एआई मॉडल किसी विषय के बारे में बात करना कहां से सीखते हैं? जब आप चैटजीपीटी जैसे एआई सिस्टम को संकेत देते हैं, तो यह प्रतिक्रिया देने के लिए तीन मुख्य स्रोतों से जानकारी लेता है।

पुराना ज्ञान

एआई भाषा मॉडल विकसित करने के लिए, डेवलपर्स मॉडल को "प्रशिक्षण" नामक प्रक्रिया के दौरान सूचना हासिल करना सिखाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि यह जानकारी कहां से आती है? मोटे तौर पर कहें तो, ये इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कोई भी जानकारी जुटाते हैं। इसमें अकादमिक पेपर, ई-बुक, रिपोर्ट, समाचार लेख, ब्लॉग, यूट्यूब ट्रांसक्रिप्ट या रेडिट जैसे कंटेंट प्लेटफॉर्म से मिली जानकारियां हो सकती हैं। इस बीच यह सवाल भी उठता है कि क्या ये स्रोत मानसिक स्वास्थ्य परामर्श लेने के इच्छुक लोगों के लिए विश्वसनीय होते हैं? इसका जवाब है कि कभी-कभी ये स्रोत विश्वसनीय होते हैं। क्या वे हमेशा आपके सर्वोत्तम हित में होते हैं और वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित दृष्टिकोण के तहत इन्हें वर्गीकृत किया जाता है? जवाब है, हमेशा नहीं।

एआई मॉडल बनाया जाता है तो जानकारी भी उसी समय जुटाई जाती है। इसलिए यह जानकारी पुरानी हो सकती है। एआई की "स्मृति" में इसे शामिल करने के लिए बहुत सारे विवरणों को त्यागने की भी आवश्यकता होती है। यही कारण है कि एआई मॉडल भ्रम की स्थिति में आ जाते हैं और विवरण गलत हो जाते हैं।

बाहरी सूचना स्रोत

एआई डेवलपर्स चैटबॉट को बाहरी उपकरणों या ज्ञान स्रोतों से जोड़ सकते हैं, जैसे कुछ खोजने के लिए गूगल या क्यूरेटेड डेटाबेस। जब आप माइक्रोसॉफ्ट के बिंग कोपायलट से कोई प्रश्न पूछते हैं। उत्तर में क्रमांकित संदर्भ देखते हैं, तो यह बताता है कि एआई ने अपनी मेमोरी में संग्रहीत जानकारी के अतिरिक्त बाहरी उपकरण के जरिए अद्यतन जानकारी प्राप्त की है। इस बीच, कुछ विशेष मानसिक स्वास्थ्य चैटबॉट की थेरेपी गाइड और कंटेंट तक पहुंच होती है, जो बातचीत में मददगार साबित होते हैं।

पहले उपलब्ध कराई जा चुकी जानकारी

एआई प्लेटफॉर्म के पास उस जानकारी तक भी पहुंच होती है जो आपने पहले उससे हुई बातचीत के दौरान प्लेटफॉर्म पर साइन अप करते समय दी थी। उदाहरण के लिए, जब आप साथी एआई प्लेटफॉर्म रेप्लिका के लिए पंजीकरण करते हैं, तो यह आपका नाम, उपनाम, आयु, लिंग, आईपी एड्रेस और लोकेशन, आप किस प्रकार का उपकरण उपयोग कर रहे हैं।

कई चैटबॉट प्लेटफॉर्म पर, आपने कभी भी एआई से जो कुछ भी कहा है, उसे भविष्य के संदर्भ के लिए संग्रहीत किया जा सकता है। जब एआई जवाब देता है, तो इन सभी विवरणों को निकाला जा सकता है और संदर्भित किया जा सकता है। हम जानते हैं कि ये एआई सिस्टम दोस्तों की तरह हैं जो आपकी कही गई बातों की पुष्टि करते हैं। इसे हां में हां मिलाना भी कह सकते हैं, ऐसे में यह एक समस्या है जिसे चाटुकारिता के रूप में जाना जाता है।

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