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Ahmedabad Plane Crash : रेलिंग के सहारे नीचे उतरने की कोशिश... विमान हादसे का नया वीडियो आया सामने, बालकनी से कूदते दिखे लोग

08:23 PM Jun 17, 2025 IST
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अहमदाबाद, 17 जून (भाषा)
अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें 12 जून को एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 के बीजे मेडिकल कॉलेज (BJMC) परिसर में टकराने के बाद वहां के घबराए हुए निवासी पांच मंजिला इमारत की बालकनी से कूदते या कूदने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। इस खौफनाक वीडियो के एक हिस्से में एक महिला बालकनी से महज रेलिंग के सहारे नीचे उतरने की कोशिश करती नजर आ रही है। घटनास्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर आग की ऊंची लपटें उठ रही हैं।

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पृष्ठभूमि में, परिसर की परिधीय दीवार के ऊपर से वीडियो बनाने वाले लोग चिल्लाते हुए सुने जा सकते हैं। उन्हें डर है कि महिला गिर सकती है और उसे चोट लग सकती है। बाद में, एक आदमी भी इसी तरह नीचे उतरने की कोशिश करता हुआ दिखाई देता है। भारत के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक, बीजेएमसी, इस दुर्घटना के बाद से कार्रवाई का केंद्र रहा है। इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोग व जमीन पर मौजूद पांच एमबीबीएस छात्र सहित 29 लोग मारे गए थे।

अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद एअर इंडिया का विमान बोइंग 737-8 ड्रीमलाइनर मेडिकल कॉम्प्लेक्स में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि विमान का पिछला हिस्सा छात्रावास के मेस भवन में फंस गया और विमान के टुकड़े आवासीय परिसर में बिखर गए। बीजेएमसी डीन मीनाक्षी पारीख ने सोमवार को कहा कि हादसे के बाद जिन लोगों को आवास खाली करने के लिए कहा गया था, उन्हें वैकल्पिक कमरे दिए गए हैं।

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विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एआईआईबी) ने मेडिकल कॉलेज से दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुई चार इमारतों को खाली करने को कहा था, ताकि वह हाल के समय में हुई सबसे भीषण हवाई दुर्घटनाओं में से एक की जांच कर सके। बचावकर्मियों व दुर्घटनास्थल पर पहुंचे लोगों ने दुर्घटना की भयावह प्रकृति और उसके बाद की स्थिति का वर्णन किया। जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के अस्पताल-आधारित समन्वयक चिराग संतोकी अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में थे, जो दुर्घटना स्थल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। जीवीके ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज पूरे गुजरात में एम्बुलेंस सेवा प्रदान करती है।

संतोकी घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले लोगों में से एक थे। संतोकी ने भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश को परिसर से बाहर आते देखा, जो विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति थे। वह सीट नंबर 11ए पर बैठे थे। संतोकी ने बताया कि उनके सिर से खून बह रहा था। वे वीडियो कॉल पर किसी से बात कर रहे थे और दुर्घटना के बारे में जानकारी दे रहे थे। जब हमने भारी दुर्घटना की आवाज़ और विस्फोट सुना, तो हम दौड़े। दुर्घटना स्थल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर भी गर्मी महसूस की जा सकती थी। बचावकर्मियों को शव बिना दस्ताने पहले ही उठाने पड़े क्योंकि वे इतने गर्म थे कि दस्ताने भी पिघल जाते थे।

अग्निशमन विभाग के कर्मचारी पहले जले हुए अवशेषों पर पानी डालते थे, फिर उन्हें इकट्ठा करके ले जाते थे। एंबुलेंस बेड़े के चालक मुकेश सोलंकी ने कहा कि कुछ शव बिना सिर के थे, जबकि कुछ धड़ या अंग के बिना। जले हुए शवों से आने वाली बदबू असहनीय थी और उन्हें जहां भी जगह मिली, वहां रख दिया गया। हमने एंबुलेंस की सर्विस करवाई, लेकिन बदबू जाने का नाम नहीं ले रही थी। हम एंबुलेंस में सभी तरह के मरीजों को ले जाते हैं, जैसे दिल और छाती की बीमारी वाले मरीज। इसलिए हमने बदबू दूर करने के लिए रूम फ्रेशनर का छिड़काव किया।

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