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चीन के साथ एलएसी पर गश्त से जुड़े समझौते पर सहमति

06:58 AM Oct 22, 2024 IST
चीन-भारत तनाव के बीच सीमा की ओर बढ़ते भारतीय सेना के काफिले का फाइल चित्र। -प्रेट्र

नयी दिल्ली, 21 अक्तूबर (एजेंसी)
भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले बाकी बिंदुओं पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं। भारत ने सोमवार को यह घोषणा की।

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विदेश सचिव विक्रम मिस्री

इस समझौते को रूस में इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात से पहले पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पिछले कई हफ्तों तक हुई बातचीत के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया और यह 2020 में पैदा हुए गतिरोध के समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भारतीय और चीनी सैनिक एक बार फिर उसी तरह से गश्त शुरू कर सकेंगे, जैसे वे सीमा पर टकराव शुरू होने से पहले करते थे और चीन के साथ सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
समझा जाता है कि यह समझौता देपसांग और डेमचोक में गश्त की शुरुआत करेगा, क्योंकि दोनों इलाकों में कई मुद्दों को लेकर गतिरोध बरकरार था। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। इसके बाद कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता के बाद दोनों पक्ष टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हट गए थे। हालांकि, बातचीत में देपसांग और डेमचोक में गतिरोध दूर नहीं किया जा सका।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भारत और चीन के राजनयिक एवं सैन्य वार्ताकार पिछले कई हफ्तों से विभिन्न मंचों पर एक-दूसरे के करीबी संपर्क में रहे हैं। इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर सहमति बनी है, जिससे 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए गतिरोध का समाधान और सैनिकों की वापसी संभव हो सकेगी।’
वहीं, एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने समझौते को अंतिम रूप दिए जाने को सकारात्मक घटनाक्रम करार दिया। एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने संकेत दिए कि भारत देपसांग और अन्य इलाकों में गश्त करने में सक्षम होगा।

ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे मोदी, जिनपिंग

नयी दिल्ली/ बीजिंग (एजेंसी) : रूस के कजान में मंगलवार को शुरू हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मौजूद रहेंगे। सम्मेलन के इतर मंगलवार या बुधवार को उनकी द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना है। हालांकि, इस बारे में पूछे गए सवालों को चीन के विदेश मंत्रालय ने टाल दिया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘अगर कोई बात सामने आती है तो हम आपको सूचित करेंगे।’ ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नये सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है।

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