स्पेस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने किया अग्निबाण सफल परीक्षण, इसरो ने दी बधाई
Successful test of Agnibaan: चेन्नई के स्पेस 'स्टार्ट-अप' ‘अग्निकुल कॉसमॉस' ने बृहस्पतिवार को श्रीहरिकोटा स्थित अपने प्रक्षेपण स्थल से अपने स्वदेश निर्मित '3डी-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक राकेट अग्निबाण' का उप-कक्षीय परीक्षण सफलतापूर्वक किया। अग्निकुल कॉसमॉस यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की दूसरी निजी इकाई बन गई है।
चार असफल प्रयासों के बाद बृहस्पतिवार को सुबह सात बजकर 15 मिनट पर परीक्षण बिना किसी लाइव स्ट्रीमिंग के, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में कुछ गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया।
अग्निकुल कॉसमॉस ने कहा, "श्रीहरिकोटा में स्थित अपने प्रक्षेपण स्थल से अग्निबाण एसओआरटीईडी के हमारे पहले उड़ान - मिशन 01 के सफल समापन की घोषणा करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है।"
स्टार्ट अप ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा ‘‘यह उपलब्धि हमने अपने और भारत के पहले तथा एकमात्र निजी प्रक्षेपक स्थल से हासिल की गई जो श्रीहरिकोटा में एसडीएससी-एसएचएआर में है।'' इसने कहा कि इस नियंत्रित उड़ान में मिशन के सभी लक्ष्य हासिल किए गए। स्टार्ट अप के अनुसार, प्रक्षेपक वाहन पूरी तरह स्वदेश में डिजाइन किया गया था और यह दुनिया के पहले ‘3डी प्रिंटेड सिंगल इंजन' से संचालित था। यह सेमी क्रायो इंजन से भारत की पहली उड़ान है।''
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ‘इसरो' ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "अग्निबाण सॉर्टेड-01 मिशन के उनके प्रक्षेपण स्थल से सफल प्रक्षेपण के लिए अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई। यह एक बड़ी उपलब्धि है...।"
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, "अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा अग्निबाण एसओआरटीईडी के सफल प्रक्षेपण से बहुत प्रसन्न हूं। यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण है।"
अग्निकुल द्वारा अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (एसओआरटीईडी) को प्रक्षेपित करने का 22 मार्च से यह पांचवां प्रयास था। भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट (सेवानिवृत्त) ने कहा, "यह भारत के फलते-फूलते निजी अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन और गर्व का क्षण है। यह, हमारे लिए भविष्य में क्या छिपा है, इसकी एक झलक मात्र है। इसकी पूरी टीम को हमारी हार्दिक बधाई और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।"
कंपनी के अनुसार अग्निबाण एक अनुकूलन योग्य दो-चरणीय प्रक्षेपण यान है जो 300 किलोग्राम तक का पेलोड (भार) लगभग 700 किलोमीटर की कक्षा में ले जा सकता है। यह रॉकेट तरल और गैस प्रणोदकों के मिश्रण के साथ एक अर्ध-क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करता है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अपने किसी भी रॉकेट में अभी तक प्रदर्शित नहीं किया गया है।