होमा थैरेपी की ‘अग्निहोत्रा तकनीक’ हवन पर आधारित : बर्क
हिसार, 15 नवंबर (हप्र)
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार में एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलोजिस्ट इंडिया का मानव कल्याण के लिए सूक्ष्मजीवों के परिप्रेक्ष्य विषय पर चार दिवसीय 65वां वार्षिक अंतर्राष्टीय सम्मेलन के दूसरे दिन जर्मन एसोसिएशन ऑफ होमा थेरेपी, मुहलिनजेन, जर्मनी के डॉ. उलरिच बर्क ने अग्निहोत्रा एंड माइक्रोओरगेनिज्मस-इफेक्ट्स ऑन एनवायर्नमेंट पर व्याख्यान में बताया कि होमा थैरेपी की अग्निहोत्रा तकनीक भारतीय हवन प्रणाली पर आधारित है। इससे पर्यावरण एवं मिट्टी में हानिकारक सूक्ष्मजीवों को कम किया जा सकता है। यह प्रणाली पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
शुक्रवार को आयोजित इस प्लीनरी चर्चा सत्र-2 की अध्यक्षता हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रो. एसएस डुडेजा ने की। इस सत्र के सह-अध्यक्ष सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के सेवानिवृत्त प्रोफेसर केके कपूर थे। इसी प्रकार यूनिवर्सिटी ऑफ टेनेसे, अमेरिका के प्रो. बेरी टी राउज ने मीटिंग द चैलेंज ऑफ कंट्रोलिंग वायरल इम्युनोपेथोलॉजी विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर सम्मेलन की संयोजक सचिव गुजविप्रौवि हिसार की डीन इंटरनेशनल अफेयर्स एवं एएमआई की महासचिव प्रो. नमिता सिंह, सम्मेलन के संयोजक बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार व सीसीएस हकेंवि हिसार के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एवं एएमआई हिसार इकाई के अध्यक्ष प्रो. राजेश गेरा तथा अन्य उपस्थित रहे।