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जीएसटी के विरोध में उतरे आढ़ती, खरीद बंद करने की दी चेतावनी

09:00 AM Apr 17, 2024 IST
जीएसटी के विरोध में उतरे आढ़ती  खरीद बंद करने की दी चेतावनी
चरखी दादरी के कस्बा बाढड़ा की अनाज मंडी में मंगलवार को जीएसटी को लेकर रोष जताते आढ़ती। -हप्र
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चरखी दादरी, 16 अप्रैल (हप्र)
सरसों खरीद के दौरान जीएसटी भुगतान का कई स्थानों पर विरोध देखने को मिला है। मंगलवार को बाढ़ड़ा अनाज मंडी के आढ़ती जीएसटी के विरोध में उतरे और सरसों खरीद में 5 प्रतिशत जीएसटी भुगतान में पूरी तरह से असमर्थता जाहिर करते हुए सरसों खरीद बंद करने की चेतावनी दी है। ऐसें में खराब मौसम के बीच मंडी परिसर में पड़ी करीब पांच करोड़ रुपये की सरसों खरीद पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
बाढ़ड़ा अनाज मंडी परिसर में रोष जताते हुए प्रधान हनुमान शर्मा ने कहा कि पहले नैफेड द्वारा सरसों की खरीद की गई थी उस दौरान उन्होंने कमीशन एजेंट के तौर पर कार्य किया था। बाद में नैफेड का सरसों खरीद का टारगेट पूरा होने के बाद 9 अप्रैल से हैफेड द्वारा सरसों की खरीद की जा रही है। इस खरीद में खरीद एजेंसी हैफेड है जबकि वे बिचौलिये के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आढ़त सवा प्रतिशत मिलती है जबकि जीएसटी 5 प्रतिशत मांगी जा रही है जिसे वहन करने में पूरे तरह से असमर्थ हैं। वे किसी भी कीमत पर जीएसटी का भुगतान नहीं कर सकते हैं।
मंडी प्रधान ने बताया कि उन्होंने प्रशासन व खरीद एजेंसी प्रतिनिधियों को पूरी तरह से अवगत करवा दिया है कि वे जीएसटी देकर सरसों की खरीद नहीं करेंगे। मंडी परिसर में करीब पांच करोड़ रुपये की सरसों पड़ी हुई है। किसानों को एमएसपी के तहत उनकी फसलों का भुगतान करने की जिम्मेवारी खरीद एजेंसी या सरकार की होगी।

कनीना मंडी को छोड़कर अन्य किसी में नहीं कटेंगे टोकन

नारनौल (हप्र) : अनाज मंडियों में सरसों की अधिक आवक होने व उठान कार्य में तेजी लाने के लिए 17 अप्रैल को कनीना मंडी को छोड़कर जिले की अन्य किसी भी मंडी में टोकन नहीं काटे जाएंगे। उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि मंडियों में सरसों की अधिक आवक होने के कारण कनीना मंडी को छोडक़र जिले की किसी भी मंडी में फसल खरीद के लिए नए टोकन जारी नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को केवल पहले से कटे हुए टोकन वाले किसानों की फसल खरीद की जाएगी व उठान कार्य किया जाएगा। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे इस दिन अपनी फसल को लेकर मंडियों में ना आएं।

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