फिर-फिर मिलती हार और पाक सेना लाचार
आलोक पुराणिक
कई खबरें हैं, कई सालों से आ रही हैं-सलमान खान की शादी होने वाली है, भानगढ़ किले के भूत फिर डांस करेंगे आज रात और पाकिस्तान फिर हार गया भारत से क्रिकेट मैच में।
ये खबरें ना बदलतीं, बहुत संभव है कि शुरू की दो खबरें तो बदल जायें, पर आखिरी की खबर ना बदलती दिखती। पाक चैंपियंस ट्राफी का मेजबान देश है, पर इस टूर्नामेंट पाकिस्तान ही हार कर बाहर हो गया।
कुछ इस तरह का सीन है, खाने के लिए जो शख्स बुलाये, उसके सामने ही ऐसे हालात हो गये कि दावत में वही शरीक ना हो पाये। पाकिस्तान ने बहुत रकम इधऱ-उधऱ से मांग कर अपने स्टेडियम दुरुस्त किये, बस टीम दुरुस्त मांगकर नहीं की जा सकती। उसके बड़े-बड़े खिलाड़ी फ्लाप हो गये। पाकिस्तान की हालत यह है कि जिन्हें वो अपना हीरो मानते हैं, वही उनके विलेन हो जाते हैं। बड़े-बड़े हीरो खिलाड़ी बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान अब पाकिस्तानी जनता के लिए विलेन बन गये हैं। पाकिस्तान में नेता, सेना और पब्लिक महमूद गजनवी को हीरो मानती रही है। मिसाइलों के नाम गजनवी के नाम पर रखे गये हैं। हाल में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने महमूद गजनवी को लुटेरा बता दिया। पाकिस्तान में नेता से लेकर पब्लिक तक अपनी राय बहुत तेजी से बदल देते हैं।
पाकिस्तान में सब कुछ सेना के कंट्रोल में होता है पर क्रिकेट मैच जो फील्ड में चलते हैं, वो पाक सेना के कंट्रोल से बाहर होते हैं। पाकिस्तानी सेना यह नहीं कर सकती है कि किसी भी टीम को विवश कर दे कि वह पाकिस्तान की टीम से हार जाये।
जैसे पाकिस्तानी सेना वहां के चुनाव को चलाती है, यदि क्रिकेट को चलाने लगे तो पाकिस्तानी टीम कोई मैच ना हारती। मैच में रिजल्ट भले ही यह होता कि पाकिस्तानी टीम हार गयी, मेजर या कैप्टन अंपायर को मार-पीटकर कहलावा देते कि जी असल में पाक टीम ही जीती। पाकिस्तानी सेना ने अपने यहां तमाम किताबों में यही लिखवा दिया है कि पाकिस्तान ने हर जंग जीती है। लेकिन क्रिकेट जमीन पर खेला जाता है। इसलिए पाकिस्तान क्रिकेट में हार जाता है। पाक सेना अगर चैंपियंस ट्राफी का रिकार्ड रखती, तो उसकी टीम हर मैच जीतती। 1971 के युद्ध, कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान हारा था, यह बात इंटरनेशनल रिकार्ड में दर्ज है, पर पाकिस्तान का रिकार्ड अलग है। तो यह दुनिया की समस्या है, पाकिस्तान इसमें क्या कर सकता है।