माननीयों की वेतन वृद्धि के बाद अब कर्मचारियों ने मांगा लंबित डीए और एरियर
शिमला, 29 मार्च (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार द्वारा मंत्रियों और विधायकों के वेतन, भत्तों और पेंशन में की गई 24 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अब सरकार की जल्द ही वित्तीय मोर्चे पर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्य में चल रहे भारी आर्थिक संकट के बीच माननीय के वेतन भत्तों में इस वृद्धि के बाद अब राज्य के कर्मचारियों ने भी अपने लंबित 13 प्रतिशत डीए और एरियर के भुगतान को लेकर अपनी आवाज बुलंद करना आरम्भ कर दिया है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शनिवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि जिस तरह से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक सुर में महंगाई की बात कह कर अपने वेतन और भत्तों में संशोधन किया है उससे यह साबित हो गया है कि प्रदेश में महंगाई चरम सीमा पर है और हिमाचल प्रदेश के अंदर फाइनेंशियल क्राइसिस जैसी कोई बात नहीं है। चौहान ने कहा कि यदि प्रदेश में कोई वित्तीय संकट होता तो माननीय इस तरह के विधेयक पर विचार नहीं करते।
यदि प्रदेश के अंदर आर्थिक संकट नहीं है और महंगाई चरम सीमा पर है तो कर्मचारियों को भी उनका 13 प्रतिशत बकाया डीए और वेतनमान का एरियर मिलना चाहिए। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों की डीए और एरियर की बकाया राशि को भी सरकार तुरंत जारी करे।
महासंघ के पदाधिकारियों ने अनुबंध कर्मचारियों जिनके 2 साल पूरे हो गए हैं को 1 अप्रैल से नियमित करने की भी मांग सरकार से की है। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि महांसघ जिलावार कर्मचारियों के सम्मेलन करने जा रहा है जिसमें हर जिले में जिला कार्यकारिणी का चुनाव भी किया जाएगा और साथ ही हर विभाग, बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा होगी और उसे आगामी कार्रवाई के लिए सरकार के समक्ष प्रेषित किया जाएगा ताकि उस पर आगामी रणनीति तैयार की जा सके। इस दिशा में कर्मचारी महासंघ जिला स्तरीय जनरल हाउस करेगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले जिला शिमला का जनरल हाउस रखा गया है। उसके बाद अन्य जिलों में भी इस तरह के अधिवेशन की तिथियां निर्धारित की जाएगी।