हार्ट बीट रुकने के बाद 4 घंटे की कड़ी मशक्कत से डॉक्टरों ने दिया मरीज को नया जीवन : अरविंद दहिया
रोहतक, 28 अगस्त (हप्र)
रोहतक के खेड़ी साध बाईपास स्थित कॉएनोस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने एक 40 वर्षीय मरीज को नया जीवन दान देने का दावा किया है। अस्पताल के डायरेक्टर और आईसीयू प्रभारी डॉ. अरविंद दहिया ने बताया कि अस्पताल की टीम ने 40 वर्षीय व्यक्ति की हृदय गति रुकने के बाद भी चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसकी जान बचाने में कामयाबी हासिल की है। जहां एक सामान्य व्यक्ति का हृदय कार्य लगभग 60-65 प्रतिशत होना चाहिए लेकिन उसका हृदय कार्य केवल 10-15 प्रतिशत ही काम कर रहा था। डॉ. अरविंद दहिया ने बताया कि जिन मरीजों का हृदय इतने लंबे समय तक रुका रहता है, उन्हें बचाना बहुत मुश्किल होता है। उनकी हृदय गति गड़बड़ा गई और आपातकाल में इलाज के दौरान उन्हें वीएफ (वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन) हो गया और आपातकालीन कक्ष में उनका हृदय रुक गया। सीपीआर से उसके दिल को पुनर्जीवित करने का प्रयास विफल रहा। अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने सीपीआर करते हुए उन्हें इकमो मशीन पर डालने का फैसला किया। सीपीआर करते समय मरीज को इकमो मशीन पर रखना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।
उन्होंने बताया कि यहां तक कि इकमो मशीन पर भी मरीज़ के हृदय में बमुश्किल कोई गतिविधि हुई और 4 घंटे तक वीएफ जारी रहा। इन 4 घंटों में मरीज को लगभग 80 डीसी झटकों की जरूरत पड़ी। उन्हें 36 घंटे तक इकमो मशीन पर रखा गया और आखिरकार 48 घंटे भर्ती रहने के बाद उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया। 7 दिनों के बाद उनको अस्पताल से घर भेज दिया गया और छुट्टी के समय उनका दिल लगभग सामान्य क्षमता पर काम कर रहा था और अन्य सभी अंग भी ठीक काम कर रहे थे।