चुनावी नतीजों के बाद हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव तय
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 30 मई
हरियाणा में लोकसभा के नतीजों के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव हो सकता है। सिविल ही नहीं, पुलिस प्रशासन में भी उठापठक होगी। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में भी बदलाव संभव है। सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर के भी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में जाने की खबरें हैं। फील्ड के कई अधिकारी व कर्मचारी सरकार के रडार पर हैं। इन पर चुनावों के दौरान निष्पक्ष काम करने की बजाय बजाय विपक्ष के इशारों पर काम करने के आरोप हैं।
सूत्रों का कहना है कि कई जिलों के डीसी-एसपी के अलावा मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त, आईजी के अलावा प्रदेश मुख्यालय पर भी अधिकारियों को बदला जा सकता है।
हरियाणा में भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी ही अकसर यह आरोप लगाते रहे हैं कि अधिकारियों द्वारा उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है। लोकसभा चुनावों के दौरान खुद सरकार ने भी यह महसूस किया कि कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों ने सही से अपनी ड्यूटी नहीं निभाई है।
प्रदेश में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की पेंशन रोक दी गई। सरकार द्वारा शुरू की गई अंत्योदय कल्याण की योजनाओं के तहत गरीब लोगों को मिले वाले राशन को रोका गया। दुकानदारों को नोटिस देकर दुकानें बंद करने को कहा गया।
इसी तरह से बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को रोकने की भी शिकायतें सरकार तक पहुंची। ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को चिह्नित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार की ओर से पार्टी के फील्ड के पदाधिकारियों से भी ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है।
जरूरी मंजूरी नहीं मिली, कार्रवाई के संकेत
कुरुक्षेत्र जिला में भाजपा पदाधिकारियों यहां तक कि पार्टी प्रत्याशी को भी कुछ जरूरी मंजूरियां स्थानीय स्तर पर नहीं मिली। इस तरह की रिपोर्ट दूसरे जिलों से भी भाजपा नेताओं की ओर से सरकार को दी गई हैं। शायद, इसी वजह से सीएम नायब सिंह सैनी व पूर्व सीएम मनोहर लाल ने चुनावी नतीजों के बाद ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। हालांकि विपक्षी दल और कर्मचारी संगठनों द्वारा सरकार के इन बयानों पर आपत्ति जताई है।