For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

आरोपों के बाद सुक्खू ने वापस मांगी जमीन

08:09 AM Sep 11, 2024 IST
आरोपों के बाद सुक्खू ने वापस मांगी जमीन
Advertisement

शिमला, 10 सितंबर (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि यदि जलशक्ति विभाग द्वारा नादौन में ली गई उनकी जमीन को विभाग वापस करता है तो वह विभाग के पैसे तुरंत वापस कर देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में जलशक्ति विभाग ने उनकी अनुमति के बिना उनकी जमीन पर नादौन में परकोलेशन वैल बना दिया था और यह जमीन मुश्तरका जमीन थी।
सुक्खू ने कहा कि विभाग द्वारा बिना बताये ली गई इस जमीन का मुकदमा अदालत में चला और अदालत के आदेश पर ही मुआवजा भी तय हुआ। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेशों के बाद उन्हें मुआवजे के रूप में केवल 18 लाख रुपए मिले, जबकि उनकी जमीन की कीमत दो करोड़ रुपए है। उन्होंने भाजपा विधायक आशीष शर्मा द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को जानबूझकर और सनसनी फैलाने के मकसद से लगाए गए आरोप करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है और सब साफ हो जाएगा।
इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विधायक आशीष शर्मा ने नादौन जमीन मामले से मुख्यमंंत्री और उनके परिवार को जोड़कर जबरन सनसनी फैलाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि नादौन में जलशक्ति विभाग ने सरकारी जमीन समझकर अपना काम किया और विभाग को 16 दिसंबर, 2021 को कोर्ट का नोटिस आने के बाद पता चला कि यह जमीन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह और अन्य की है।
अग्निहोत्री ने कहा कि 22 मार्च 2022 को भू अधिग्रहण की कार्यवाही एसडीएम ने की। इसके बाद 28 अप्रैल 2022 को डीसी को मामला भेजा गया। फिर इसकी अप्रूवल हुई, लेकिन तब तक प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई। ऐसे में इस जमीन का मुआवजा दिसंबर 2022 में दिया गया। तब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई थी। इससे स्पष्ट है कि इस मामले में किसी भी तरह का दबाव नहीं था और जो कुछ भी हुआ वो पूर्व सरकार के समय में ही हुआ है। उधर, आशीष शर्मा द्वारा स्टोन क्रशरों को दी गई अनुमति के मामले में लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पिछले वर्ष मानसून के दौरान आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश की आम जनता को रेत और बजरी आदि उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाने के लिए 28 स्टोन क्रशरों को उनके पास मौजूद खनिज सामग्री को बेचने की अनुमति दी गई थी।

Advertisement

Advertisement
Advertisement