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कर्मचारियों, शोधार्थियों के बाद अब शिक्षकों ने भी खोला मोर्चा

10:02 AM Jul 17, 2024 IST
सोनीपत के मुरथल स्थित डीसीआरयूएसटी में मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे विवि. के कर्मचारी, शोधार्थी व शिक्षक। -हप्र
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सोनीपत, 16 जुलाई (हप्र)
दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल में कर्मचारियों व शोधार्थियों के बाद अब शिक्षकों ने भी आंदोलन की राह पकड़ ली है। कई माह से बने गतिरोध को दूर करने में विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है, जिसकी वजह से नाराज कर्मचारियों, शोधार्थियों व शिक्षक ने आंदोलन तेज कर दिया है। शिक्षक एसोसएिशन डीकूटा ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन यूनिवर्सिटी को बर्बाद करने पर तुला है। डीकूटा ने विश्वविद्यालय को बचाने व लंबित मांगों को लेकर प्रशासन के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया है। डीक्रूटा के प्रधान डॉ. सुरेंद्र दहिया ने आरोप लगाया कि विवि. प्रशासन से रिसर्चर व छात्र, गैर शैक्षणिक व शैक्षणिक कर्मचारी परेशान हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं की इच्छा पूर्ति के लिए नित नए-नए नियम बनाने में मशगूल है। विवि. के विकास से विश्वविद्यालय प्रशासन को कोई लेना देना नहीं है।
डॉ. दहिया ने आरोप लगाया कि लाल फीताशाही के कारण विवि. प्रशासन फाइलों को अपने कार्यालय में दबाकर बैठ जाता है या उन फाइलों को बेवजह रोका जा रहा है। इस तरह से फाइल की डेट निकल जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों की लंबित मांगे काफी समय से पेंडिंग है।
बता दें कि डीक्रूटा को विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से लोकसभा चुनाव से पूर्व आश्वासन दिया गया था कि शिक्षकों की लंबित मांगों को पूरा कर दिया जाएगा, लेकिन विवि प्रशासन ने इसके बाद कोई सुनवाई नहीं की। इस मौके पर शिक्षक यूनियन के प्रधान डॉ. सुरेंद्र दहिया, डॉ. अजय डबास, डॉ. सुखदीप सांगवान, डॉ. दिनेश सिंह, कर्मचारी यूनियन के प्रधान आनंद राणा, ललित सैनी, दयानंद, हरिराम शर्मा, राजकुमार कक्कड़, विरेश दहिया, मनजीत, कुलदीप, महेंद्र सैनी, रजनीश, गौरव वालिया मौजूद थे।

बुद्धि शुद्धि यज्ञ करेंगे शोधार्थी

रिसर्च स्कॉलर द्वारा बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया जाएगा, जिसमें डीक्रूटा भी भाग लेगी। रिसर्च स्कॉलरों की यूजीसी के अनुसार पेपर पब्लिकेशन की जायज मांग एकडमिक काऊंसिल द्वारा मंजूर की जा चुकी है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन मिनट्स के साथ छेड़छाड़ करके छात्रों को मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा है। मिनट्स को ठीक करने बारे में एकडमिक काउंसिल के ज्यादातर मेंबर इस संबंध में लिखकर भी दे चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन चुप है।

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