46 साल बाद सितंबर में यमुना का जलस्तर 78924 क्यूसेक पहुंचा
छछरौली, 2 सितंबर (निस)
अचानक मौसम में आए बदलाव और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बरसात के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर चालू सीजन के अधिकतम बिंदु पर पहुंच गया है। हथिनी कुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर सोमवार दोपहर 12 बजे 78924 क्यूसेक पहुंच गया।
चालू सीजन में पहली बार बैराज के सभी 18 गेट खोलकर बाढ़ के पानी को दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया है। बाढ़ की तीव्रता के कारण पानी के अगले 72 घंटे से पहले दिल्ली पहुंच जाने की संभावना है। शिवालिक की पहाड़ियों पर हुई जोरदार बारिश के कारण बरसाती नदियां नागल ट्रेन, चिक्कन नदी, सोम नदी भी उफान पर है। बता दें कि 3 सितंबर 1978 को सितंबर महीने में यमुना नदी में 7 लाख 9239 क्यूसेक की भीषण बाढ़ आई थी। 46 सालों के अंतराल के बाद सितंबर महीने में यमुना नदी खतरे के निशान के करीब पहुंची है। बारिश के पैटर्न में अचानक आए बदलाव से यमुना नदी के कैचमेंट एरिया उत्तराखंड के कालसी में 118.4 मिलीमीटर, हरिपुर में 113.8 मिलीमीटर, जटौन बैराज पर 175 मिलीमीटर, पांवटा साहिब के गंगुवाला में 126.6 मिलीमीटर, सभा वाला में 109 मिलीमीटर तथा ताजेवाला में 116 मिलीमीटर बरसात हुई। भारी बरसात के कारण यमुना नदी का जल स्तर सुबह 7 बजे से ही बढ़ना शुरू हो गया था। हथिनी कुंड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक, हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर सुबह 7 बजे 26738 क्यूसेक रहा। 8 बजे बढ़कर 46598 क्यूसेक, 9 बजे 66915 क्यूसेक, 10 बजे 62053 क्यूसेक, 11 बजे 61396 क्यूसेक के बिंदु पर पहुंच गया।
दोपहर 12 बजे तक बाढ़ का लेवल बढ़कर सीजन के अधिकतम बिंदु 78924 क्यूसेक पर पहुंच गया। बाढ़ के
पानी को बैराज के सभी 18 गेट खोलकर 65654 क्यूसेक पानी को दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया है।