मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

10 साल बाद करनाल में स्थानीय चेहरों में होगी जंग!

08:50 AM Aug 28, 2024 IST

रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 27 अगस्त
करनाल से विधायक और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के इस बार करनाल के बजाय किसी अन्य हलके से चुनाव लड़ने की आसार हैं। उनके लाडवा से चुनावी रण में आने की उम्मीद है। ऐसे में करनाल शहर की सीट पर इस बार स्थानीय चेहरों के बीच आमने-सामने की टक्कर देखने को मिल सकती है। 2014 और 2019 में मनोहर लाल यहां से विधायक रहे। वे मूल रूप से रोहतक के रहने वाले हैं। वहीं उपचुनाव में भी नायब सिंह सैनी करनाल से विधायक बने।
माना जा रहा है कि दस वर्षों के अंतराल के बाद अब करनाल शहर में फिर से भाजपा स्थानीय चेहरे पर दाव लगाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के करनाल के बजाय किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों के चलते करनाल की राजनीतिक फिजा बदल चुकी है। भाजपा के सेकेंड लाइन के लीडर उत्साहित हैं, चूंकि उन्हें भी चुनाव लड़ने का मौका नसीब हो सकता है।
हालांकि इस तरह की भी चर्चाएं भाजपा गलियारों में सुनने को मिली कि करनाल से सांसद रहे संजय भाटिया को विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। बताते हैं कि स्थानीय इनपुट के बाद भाजपा ने लोकल को ही टिकट देने का मन बना लिया है। ऐसे में करनाल सीट पर एक बार लोकल वर्सेज लोकल का चुनाव होने के आसार हैं। दोनों ही प्रमुख दल– कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी एक-दूसरे को कांटे की टक्कर देते नज़र आएंगे। हालांकि चुनावी मुकाबले का असली पता चेहरों की घोषणा के बाद ही लग सकेगा।
दोनों पार्टियों के पास करनाल में चुनाव लड़ने के लिए मजबूत चेहरे मौजूद हैं। ये ऐसे चेहरे हैं, जो शहर के राजनीतिक मिजाज को अच्छे से जानते हैं। भाजपा के पास लगातार दो बार मेयर रह चुकीं रेणु बाला गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व सीएम मनोहर लाल के पूर्व मीडिया कोऑर्डिनेटर जगमोहन आनंद व मुख्यमंत्री नायब सैनी के ओएसडी संजय बठला जैसे मजबूत चेहरे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस के पास लगातार दो बार करनाल की विधायक रहीं सुमिता सिंह, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश गुप्ता व सरदार तरलोचन सिंह चुनाव की तैयारियां में जुटे हैं।
दोनों ही पार्टियों के लीडर लोकल हैं। ये सीधे तौर पर शहरवासियों के साथ जुड़े हुए हैं। कांग्रेस और भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने वालों की लंबी लिस्ट हैं। कांग्रेस ओर भाजपा जातीय समीकरणों को साधने में जुटी हैं। भाजपा सीट जीत कर हैट्रिक लगाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। वहीं कांग्रेस भी करनाल सीट पर जीतने के लिए हरसंभव प्रयास करती दिख रही है।
सीट पर 10 साल का सूखा दूर करने के लिए सुमिता सिंह, सुरेश गुप्ता घर-घर दस्तक दे रहे हैं।

Advertisement

Advertisement