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10 साल बाद भाजपा ने लगाया लोकल चेहरे पर दांव

07:00 AM Apr 11, 2024 IST
10 साल बाद भाजपा ने लगाया लोकल चेहरे पर दांव
चंडीगढ़ से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद संजय टंडन का मुंह मीठा करवातीं उनकी पत्नी प्रिया टंडन। -दैनिक ट्रिब्यून
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एस. अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 10 अप्रैल
भाजपा ने आज चंडीगढ़ की एकमात्र लोकसभा सीट पर दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे संजय टंडन को टिकट देने की घोषणा की। चंडीगढ़ से दो बार सांसद रही अभिनेत्री किरण खेर का टिकट काट कर टंडन को उम्मीदवार बनाया गया है। टंडन 2014 और 2019 में भी चंडीगढ़ लोकसभा सीट के लिए दावेदार थे। लेकिन दोनों बार उन्हें टिकट नहीं मिली। इस बार भाजपा ने स्थानीय नेता को टिकट दिया है। चंडीगढ़ में 10 साल बाद भाजपा ने फिर से लोकल चेहरे पर दांव लगाया है। चंडीगढ़ सीट पर कांग्रेस ने अभी तक टिकट की घोषणा नहीं की, लेकिन माना जा रहा है कि टिकट पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और पूर्व केंद्रीय  मंत्री मनीष तिवारी में से किसी एक को मिलेगा।
भाजपा के केद्रीय नेतृत्व की ओर से बुधवार को जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में पहले नंबर पर चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर टिकट संजय टंडन को दिया गया। पार्टी प्रत्याशी घोषित होने के बाद टंडन सेक्टर-33 स्थित भाजपा कार्यालय कमलम में पहुंचे तो यहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इसके उपरांत पार्टी के सभागार में टंडन को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने मुंह मीठा कराकर बधाई दी। पंजाब और चंडीगढ़ के संगठन मंत्री श्रीनिवास सुलू, प्रदेश महामंत्री हुकम चंद, अमित जिंदल और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद भी मौजूद रहे।

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लघु उद्योग भारती ने दिया पूर्ण समर्थन

लघु उद्योग भारती, चंडीगढ़ इकाई तथा भाजपा, चंडीगढ़ के औद्योगिक प्रकोष्ठ ने टंडन को लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उतारने पर बधाई दी और उन्हें आश्वस्त किया कि व्यापारियों का पूर्ण समर्थन उनके साथ है। लघु उद्योग भारती, चंडीगढ़ इकाई के अवि भसीन ने कहा कि टंडन एक योग्य उम्मीदवार भी हैं।

मेरा जीवन जनता  और कार्यकर्ताओं को रहेगा समर्पित : संजय

भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद संजय टंडन ने कहा कि उनका जीवन चंडीगढ़ और कार्यकर्ताओं के लिए समर्पित रहेगा,यही मेरा संकल्प है। टंडन ने अपने से जुड़ा नरेंद्र मोदी का एक संस्मरण सुनाते हुए बताया कि एक बार मोदी उनके घर तब आए थे जब वे प्रभारी थे और उनके पिता भाजपा पंजाब के अध्यक्ष थे।
वे उनके लिए चाय लेकर गये तो उन्होंने पूछा था कि पार्टी के लिए क्या कर रहे हो, तब मुझे उनके कहने पर ही  चंडीगढ़ भाजपा कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया था।  इसके बाद वे चंडीगढ़ के महामंत्री और 10 साल लगातार प्रदेशाध्यक्ष रहे।

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शहर में संगठन खड़ा करने में रहा अहम रोल

संजय टंडन छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल व पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय बलरामजी दास टंडन के बेटे हैं। संजय टंडन करीब एक दशक के अधिक समय तक चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। चंडीगढ़ में भाजपा का संगठन खड़ा करने में संजय का काफी अहम योगदान रहा है। वे समाजसेवा से जुड़े हुए हैं। वर्ष 2014 से पहले चंडीगढ़ से भाजपा सत्यपाल जैन को टिकट देती थी, लेकिन सत्यपाल जैन कांग्रेस के पवन कुमार बंसल के सामने लगातार तीन चुनाव (1999, 2004, 2009) हार गए। इसके बाद भाजपा ने जैन की जगह सेलिब्रिटी कार्ड खेलते हुए 2014 में किरण खेर को उतारा जो पवन कुमार बंसल को हराने में कामयाब रहीं थीं। चंडीगढ़ सीट के लिए संजय टंडन, सत्यपाल जैन, पूर्व मेयर अरुण सूद और पूर्व मेयर सरबजीत कौर के नाम तय कर पार्टी हाईकमान के पास भेजे गए थे। चंडीगढ़ भाजपा की स्थानीय चुनाव समिति ने पार्टी नेतृत्व को चार नामों की सिफारिश तो की ही थी, साथ ही यह भी तय किया था कि इनमें से किसी भी एक का नाम हाईकमान तय कर दें तो बाकी दो दावेदार उसका विरोध नहीं करेंगे। चंडीगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवारों में कई फिल्मी सितारों के भी नाम उछले थे। इसमें अक्षय कुमार, सनी देओल और कंगना रनोट का नाम चर्चा में रहा था। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार रहे युवराज सिंह के नाम की भी चंडीगढ़ सीट पर काफी चर्चा चली थी।

बंसल लगा चुके हैट्रिक

चंडीगढ़ सीट से अभी तक जीत की हैट्रिक का रिकार्ड पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल के नाम दर्ज है। पवन बंसल ने 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार चंडीगढ़ से जीत हासिल की। वे अभी तक चार बार सांसद रह चुके हैं। मनमोहन सरकार में उन्हें रेल मंत्री भी बनाया गया। हालांकि बाद में विवादों के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। किरण खेर हैट्रिक के लिए मैदान में उतरतीं, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उनका टिकट ही काट दिया।

कांग्रेस ने अभी तक नहीं खोले पत्ते

चंडीगढ़ सीट पर कांग्रेस ने अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की। भाजपा के टिकट घोषित करने के बाद अब शहरवासी कांग्रेस की ओर उम्मीदवार घोषित करने की टकटकी लगा कर इंतजार कर रहे है। चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और मनीष तिवारी में टिकट को लेकर पूरी जोर आजमाइश चल रही है। कांग्रेस का आप से इस सीट पर गठबंधन है । इसलिए कांग्रेसी इस बार मुकाबला टफ मान रहे हैं।

कब किस पार्टी से कौन रहा सांसद

वर्ष              सांसद                            पार्टी

1971         अमरनाथ विद्यालंकार         कांग्रेस
1977         कृष्णकांत                      बीएलडी
1980        जगन नाथ कौशल            कांग्रेस (आई)
1984        जगन नाथ कौशल            कांग्रेस
1989        हरमोहन धवन                जनता दल
1991        पवन कुमार बंसल            कांग्रेस
1996        सत्यपाल जैन                  भाजपा
1998        सत्यपाल जैन                  भाजपा
1999        पवन कुमार बंसल            कांग्रेस
2004        पवन कुमार बंसल            कांग्रेस
2009        पवन कुमार बंसल            कांग्रेस
2014        किरण खेर                     भाजपा
2019        किरण खेर                     भाजपा

रोचक मुकाबले में भाजपा और कांग्रेस होंगे आमने-सामने

चंडीगढ़ में चुनावी मुकाबला इस बार रोचक होगा। ऐसा इसलिए क्याेंकि इस बार के चुनावों में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने होगी। 2014 और 2019 के चुनावों में चंडीगढ़ से आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव लड़ा था। यह भी कह सकते हैं कि ‘आप’ प्रत्याशियों की वजह से कांग्रेस को लगातार दो बार हार का मुंह देखना पड़ा। 2014 में किरण खेर ने 1 लाख 91 हजार 362 वोट हासिल करके जीत हासिल की। पवन बंसल को 1 लाख 21 हजार 720 वोट मिले। वहीं आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी गुलकीरत कौर पनाग को 1 लाख 8 हजार 679 वोट मिले। इसी तरह से 2019 में किरण खेर ने 2 लाख 31 हजार 188 वोट हासिल हुए। वहीं कांग्रेस के पवन बंसल को 1 लाख 84 हजार 218 वोट ही मिले सके। इन चुनावों में आप के प्रत्याशी हरमोहन धवन को महज 13 हजार 781 वोट मिले। इस बार कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। यानी आप का प्रत्याशी चंडीगढ़ में नहीं होगा। अलबत्ता आप चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेगी। संजय टंडन ने चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित डीएवी स्कूल से एजुकेशन हासिल की। सेक्टर-11 के कॉलेज से उन्होंने बीकॉम की। वे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंट्स के फेलो मेम्बर भी हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंट, इंडिया के एसोसिएट मेम्बर भी हैं।

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