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हजपा से घबराई सरकार ने की छात्राओं के लिए अधूरी घोषणा

10:43 AM Nov 28, 2023 IST

जींद, 27 नवंबर (हप्र)
हरियाणा जनसेवा पार्टी ( हजपा) सुप्रीमो और महम विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि पांच लाख सालाना आय वाले परिवार की लड़कियों को पूरी तरह से मुफ्त शिक्षा देने के उनकी पार्टी के एजेंडे से बैकफुट पर आयी भाजपा-जजपा सरकार ने छात्राओं की एजुकेशन फीस में मदद की आधी-अधूरी घोषणा की है। हजपा की सरकार बनने पर प्रदेश में किसी भी पांच लाख सालाना आय वाले परिवार के छात्र-छात्रा को फीस देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सोमवार को महम विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार का खुद का कोई विजन नहीं है। महम विधानसभा क्षेत्र में रहने वाली छात्राओं के लिए उन्होंने अपने स्तर पर मुफ्त बस सेवा उपलब्ध करवाई। ये बसें प्रत्येक गांव और कस्बे से छात्राओं को कालेज तक पहुंचाती हैं और वापस उनको घर पहुंचाती हैं। उनकी पहल से बैकफुट पर आई सरकार ने छात्राओं के लिए फ्री बस सेवा शुरू करने की घोषणा तो की, मगर उसको अच्छे से अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका और उसका परिणाम यह रहा कि व्यवस्था फेल हो गई।
इसी प्रकार अब हजपा ने अपनी जींद रैली में सरकार बनने पर छात्राओं को मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की है। इससे घबरायी खट्टर सरकार ने आनन-फानन में 1.80 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों की लड़कियों की निजी और सरकारी कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की है, जबकि 1.8 लाख से 3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार की लड़कियों की निजी और सरकारी कॉलेजों में आधी फ़ीस सरकार ने देने की बात कही है। बलराज कुंडू ने कहा कि यह छात्राओं के साथ भेदभाव वाली घोषणा है। हजपा की सरकार बनने पर पांच लाख सालाना आय वाले परिवार के लड़के-लड़की को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इतना ही नहीं आने-जाने के लिए निःशुल्क बसों की व्यवस्था भी की जाएगी।

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‘अध्यापकों के हजारों पद किये खत्म’

बलराज कुंडू ने कहा कि सरकार नये स्कूल बनाना तो दूर, पहले से बने स्कूलों में बिजली, पानी यहां तक कि लड़कियों को टॉयलेट तक मुहैया नहीं करवा पाई। इस सरकार ने 9 साल में अब तक एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं निकाली। रेशनलाइजेशन जैसी पॉलिसी लाकर अध्यापकों के हजारों पदों को खत्म कर दिया । मौजूदा सरकार ने मर्जर के नाम पर 5000 स्कूलों को बंद कर दिया। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी, पिछड़े वर्ग, गरीब और किसान वर्ग के बच्चों को यह सरकार शिक्षा से वंचित करना चाहती है।

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