हरियाणा में अस्वीकृत स्थलों पर वनीकरण की हो जांच
भरतेश सिंह ठाकुर/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 अप्रैल
हरियाणा के प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के सीईओ जी. रमन ने पद से रिटायर होने से पहले राष्ट्रीय प्राधिकरण, कैम्पा के अपने समकक्ष को राज्य में ‘अस्वीकृत’ स्थलों पर प्रतिपूरक वनीकरण (सीए) की जांच करने के लिए लिखा है। साथ ही यह जांचने को कहा है कि क्या डिवीजनल वन अधिकारियों (डीएफओ) ने कैम्पा अधिनियम का अनुपालन किया है।
जी. रमन गत 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने 28 मार्च को लिखे एक पत्र में, राष्ट्रीय प्राधिकरण को सूचित किया कि डिवीजनल वन अधिकारियों ने प्रमाणित किया था कि 2023-24 सहित पिछले पांच वर्षों में सभी व्यय कैम्पा अधिनियम, 2016 के अनुरूप और अनुपालन में हैं, लेकिन वास्तव में प्रतिपूरक वनीकरण के तहत कार्य अस्वीकृत साइट्स पर किए गए थे। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय प्राधिकरण, कैम्पा को उन्होंने यह भी बताया कि यह मुद्दा तीसरे पक्ष की निगरानी टीम आईओआरए, इकोलॉजिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भी उठाया गया था।
रमन ने आगे बताया कि तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक, हरियाणा ने 2 नवंबर, 2023 को कैम्पा के राष्ट्रीय प्राधिकरण को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि सभी अस्वीकृत साइटें जहां पहले वृक्षारोपण किया गया है, उनका कुल क्षेत्रफल 3,965.78 हेक्टेयर है। उन्होंने कहा कि साइट बदलने की यह प्रथा पहले से चली आ रही है।