गौवंश को बचाने के लिए कड़े नियम लागू करे प्रशासन : संजय परमार
भिवानी, 22 दिसंबर (हप्र)
गौवंश यदि शहरी क्षेत्र में काल का ग्रास बनता है तो इसकी जिम्मेवारी नगर परिषद की होती है और यदि ग्रामीण क्षेत्र में कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेवारी संबंधित ग्राम पंचायत की होती है। दो दिन पहले गुजरानी फाटक पर ट्रेन की चपेट में आने के कारण तीन गाय, दो बछिया व एक सांड सहित कुल 6 गौवंश काल का ग्रास बन गए थे।
जिसके बाद गौरक्षा दल भिवानी की टीम, आरपीएफ प्रशासन व गुजरानी चौकी ने तत्परता दिखाते हुए गौवंशों को मिट्टी देकर मामले को निपटाने का प्रयास किया। जब इस मामले की जानकारी दिल्ली से गौसेवा संस्था के सदस्य सुदर्शन कौशिक को लगी तो उन्होंने अपने अधिवक्ता चेतन शर्मा के माध्यम से जीआरपी पुलिस को शिकायत दी।
उन्होंने पुलिस को जिम्मेदार संबंधित ग्राम पंचायत की यह कहकर शिकायत कर दी कि गौवंश हादसे का स्थान जिस क्षेत्र की सीमा में है, उसकी जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधित ग्राम पंचायत के खिलाफ जो भी उचित कार्रवाई हो, वह की जाए। गौरक्षा दल भिवानी के प्रधान संजय परमार ने बताया कि प्रतिदिन शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बेजुबान गौवंश काल का ग्रास बनते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि शहर व आस-पास के गांवों से रोजाना गौवंश की दुर्घटना के करीबन 15 से 20 मामले गौरक्षकों के संज्ञान में आते हैं तथा गौरक्षक दल भिवानी की टीम द्वारा संचालित गौ चिकित्सालय में घायल गौवंश का उपचार करते हैं। यदि संंबंधित प्रशासन व पंचायत अपनी जिम्मेवारी तय कर ले तो ऐसे हादसों में कमी लाई जा सकती है।
लेकिन ऐसे मामलों में किसी दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय मामले पर लीपापोती कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि गौवंश को लेकर सरकार व गौसेवा आयोग बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन वास्तव में जमीनी हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने गौवंश को बचाने के लिए प्रशासन, सरकार व गौसेवा आयोग से कड़े नियम लागू करने की मांग की है, ताकि संबंधित प्रशासन व ग्राम पंचायत मनमानी ना कर सकें।