मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

एक्शन में प्रशासन, पराली जलाने पर 4 किसान गिरफ्तार

08:47 AM Oct 21, 2024 IST
कैथल में अधिकारियों के साथ बैठक करते डीसी डा. विवेक भारती। -हप्र

कैथल, 20 अक्तूबर (हप्र)
चीफ सेक्रेटरी डॉ. टीवीएसएन प्रसाद द्वारा पराली जलाने के मामले में डीसी की मीटिंग के बाद कैथल का प्रशासन भी हरकत में आ गया है। चीफ सेक्रेटरी ने डीसी को इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर किसानों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। रविवार को पुलिस ने पराली जलाने के मामले में 4 किसानों को गिरफ्तार किया है। डीसी डॉ. विवेक भारती ने कहा कि अब तक जिले में धान की फसल के अवशेष जलाने के 123 मामले सामने आए हैं। इनमें 40 फायर लोकेशन नहीं मिली, जबकि 63 में धान की फसल के अवशेष जलाए जाने की बात सही निकली है और उन पर 1 लाख 57 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा 11 एफआईआर दर्ज हुई है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। कैथल में पराली जलाने वाले 43 किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी गई है। इन किसानों की जमाबंदी में लाल निशान लगा दिए गए हैं। अब ये किसान आगामी 2 सीजन तक अपनी फसल एमएसपी पर मंडियों में नहीं बेच पाएंगे। दो सीजन उनकी फसल ओपन मार्केट में ही बिकेगी।
बता दें कि कैथल का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 372 के पार पहुंच गया है। इसकी वजह से शहर की आबो-हवा भी बहुत खराब हो गई है। इस मौके पर एडीसी दीपक बाबू लाल करवा, एसडीएम अजय सिंह, सत्यवान सिंह मान, कृष्ण कुमार, आरटीए गिरिश कुमार, डीडीए बाबू लाल के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
इस बारे में जब कैथल के डीएसपी वीरभान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कैथल जिले में अब तक 11 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए रविवार को 4 किसानों को भी गिरफतार किया है।

Advertisement

वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्ती के आदेश
कुरुक्षेत्र (हप्र) : जिलाधीश एवं उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि जिला की सीमा में वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान कर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आमजन इन नियमों का पालन करते हुए प्रदूषण नियंत्रण में सहभागी बनने का आह्वान किया है। जिलाधीश एवं उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा कि कुरुक्षेत्र की सीमा में 22 अक्तूबर से 31 जनवरी 2025 तक की अवधि के लिए ग्रीन पटाखों को छोड़कर (शृंखला पटाखे) और सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।

‘आंखों में जलन, सांस के रोगी हुये दोगुना’

Advertisement

डा. प्रवीण गर्ग

कैथल (हप्र) : संजीवनी अस्पताल के संचालक डा. प्रवीण गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इन दिनों पर्यावरण प्रदूषण निरंतर बढ़ रहा है। सामान्य दिनों की तुलना में आंखों की जलन व सांस की बीमारी के रोगी दोगुना हो गए हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे मास्क का प्रयोग करें। बिना जरूरत के घर से  बाहर न निकलें।

केस दर्ज करने पर किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी

कैथल में रविवार को आयेाजित मीटिंग में उपस्थित किसान।-हप्र

कैथल, 20 अक्तूबर (हप्र)
किसान सभा जिला कैथल की मीटिंग भगत सिंह भवन में जिला के नेता जसबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसका संचालन किसान सभा के जिला सचिव सतपाल आनंद ने किया। मीटिंग में सरकार द्वारा जो पत्र किसानों के खिलाफ पराली जलाने व दो साल फसल नहीं खरीदने का निकाला गया उसका विरोध किया गया। किसान सभा के नेता जसबीर सिंह व सतपाल आनंद कि सरकार द्वारा कल जारी किए गए पत्र में सरकार ने किसान को पहला नजराना दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में उपायुक्त और उप कृषि निर्देशकों को आदेश दिया गए कि जिस भी किसान ने 15 सितंबर 2024 से अब तक पराली जलाई हे उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए । पराली जलाने वाले किसान की दो सीजन तक उपज मंडी में ना खरीदी जाए। सतपाल आनंद कहा कि प्रदूषण के अन्य कारणों पर रोक लगाने समेत पराली प्रबंधक की व्यवस्था में सरकार विफल रही है और सरकार पराली प्रबंधन के बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन सरकार पराली प्रबंधन में पूरी तरह फेल साबित हुईं है और सरकार द्वारा किसानों को धमकी देते हुए डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कई कारण हैं लेकिन सरकार को प्रदूषण केवल किसानों की पराली में ही दिखता है। किसान सभा जिला कैथल की कमेटी सरकार से मांग करती है कि सरकार पराली प्रबंधन की व्यवस्था करे और पंचायतों के माध्यम से पराली एकत्रित करवाए। आज की मीटिंग में हवा सिंह, करतार सिंह, बलबंत राय धनौरी, अजमेर सिंह धनौरी, सुरेंद्र सिंह सिंधा, अमरीक सिंह, जसबीर सिंह, शमशेर सिंह, कुलवंत सिंह, जसपाल सिंह, सतपाल सिंह, नाथा सिंह, भगवान दास आदि नेता उपस्थित थे।

Advertisement