For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

मंडियों में पीआर धान की एंट्री पर प्रशासन की रोक

07:14 AM Sep 23, 2023 IST
मंडियों में पीआर धान की एंट्री पर प्रशासन की रोक
करनाल मंडी में शुक्रवार को पहुंची धान की फसल। -हप्र
Advertisement

करनाल, 22 सितंबर (हप्र)
धान की सरकारी बोली कब होगी, इसके बारे में कोई स्पष्ट तारीख न होने को देखते हुए जिला प्रशासन ने पीआर-धान को मंडियों में आवक पर ब्रेक लगाने का आदेश जारी किए हैं। सरकारी बोली के दौरान खरीद में फर्जीवाड़ा न हो सकें, इसके लिए नए आदेशों में स्पष्ट कर दिया है कि जो पीआर धान मंडियों में ई-नेम के तहत बिक चुकी हैं, उस गेट पास को ई-खरीद में नहीं बदला जाएगा यानी उसको सरकारी बोली में नहीं दिखाया जाएगा। ऐसे आदेश जारी होने से फर्जीवाड़ा करने की योजना बना रहे कई राईस मिलर्स के मनसूबों पर पानी फिर गया है। कई राइस मिलर्स किसानों से समर्थन मूल्य से 400-500 रुपए प्रति क्विंटल कम खरीदी गई पीआर धान को मंडियों से न उठाकर या जुगत के सहारे ई-खरीद के जरिए सरकार को समर्थन मूल्य पर बेचकर भारी मुनाफा कमाना चाहते थे। ऐसी स्थिति को भांपते हुए जिला प्रशासन ने कदम उठाया है।

Advertisement

किसानों के सामने खड़ी हुई मुसीबत

इस फैसले से किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गयी है क्योंकि किसानों के पास पीआर धान को स्टॉक करने के कोई संसाधन नहीं है। मौसम खराब होने की चेतावनी जारी की जा रही है, ऐसे में किसान फसल लेकर मंडी में न लाकर कहां पर जाएगा। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक मुकेश आहुजा ने बताया कि जो पीआर धान प्राइवेट खरीददारों ने खरीदी है, तुरंत ही मंडियों से उठान हो जाना चाहिए।

किसानों को परेशानी में डाल दिया : रतनमान

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सरकार तय करें कि सरकारी खरीद कब शुरू होगी। किसान के पास संसाधन नहीं हैं कि वो फसल को स्टॉक कर सकें। अगर सरकार समय रहते अपने सिस्टम को ठीक कर लेती तो ऐसी नौबत नहीं आती, खरीद के लिए भाकियू ने प्रदर्शन भी किए। ये सरकार की बचकानी चाल है, अपनी नाकामी को छिपाने की वजह से किसानों को परेशानी में डाल दिया है। जिसका उसे भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

Advertisement

आढ़ती किसानों को सूचित करें कि वे पीआर धान की सरकारी बोली होने से पहले मंडी में पीआर धान लेकर न आएं। यदि कोई किसान मजबूरी या किसी कारणवश धान लेकर आता है तो सचिव को सूचित करें। धान सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही मंडी में लाएं। इस समय के बाद किसान की पीआर धान की एंट्री मंडी में नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा पीआर धान का कोई गेटपास ई-नेम से ई-खरीद में नहीं बदला जाएगा।
-भगवान दास मोदगिल, सचिव, मार्केट कमेटी

Advertisement
Advertisement