Adani case: अदाणी मुद्दे पर प्रदर्शन पर आध्यात्मिक नेता सद्गुरु ने दी नसीहत
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा)
Sadhguru's comment on Adani case:विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (INDIA) के कई घटक दलों के सांसदों ने अदाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर बृहस्पतिवार को ‘देश नहीं बिकने देंगे' लिखे बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कुछ अन्य दलों के सांसद संसद भवन के ‘मकर द्वार' के निकट एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, इस मामले पर आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने टिप्पणी की है। कहा कि धन सृजनकर्ता व रोजगार देने वालों को राजनीतिक विवादों में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
विपक्षी सांसदों ने ‘वी वांट जेपीसी' के नारे लगाए। उन्होंने मकर द्वार से संसद भवन में प्रवेश करने वाले भाजपा और सहयोगी दलों के सांसदों को तिरंगा और गुलाब का फूल भेंट किया तथा कहा कि ‘देश मत बिकने दें।'' कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
विपक्षी सांसद प्रतिदिन अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को संसद में प्रदर्शन करते हुए सत्तापक्ष के सदस्यों को तिरंगा एवं गुलाब का फूल भेंट किया था।
रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों में अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी और कंपनी के अन्य अधिकारियों पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा अभियोग लगाए जाने के बाद कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति से आरोपों की जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में इस मामले को लेकर उद्योगपति गौतम अदाणी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी। अदाणी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया है।
It is disheartening to observe disruptions in the Indian Parliament, particularly when we aspire to be a beacon of democracy for the world. The wealth creators and job providers of India should not become subject of political rhetoric.. If there are discrepancies, that can be…
— Sadhguru (@SadhguruJV) December 12, 2024
सद्गुरु ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि उद्योगपतियों को राजनीतिक विवादों में घसीटना ठीक नहीं है। सद्गुरु ने लिखा, भारतीय संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक है, खासकर तब जब हम दुनिया के लिए लोकतंत्र का प्रतीक बनने की आकांक्षा रखते हैं। भारत के धन सृजनकर्ताओं और नौकरी प्रदाताओं को राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं बनना चाहिए.. यदि विसंगतियां हैं, तो उन्हें कानून के ढांचे के भीतर नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय व्यवसायों को आगे बढ़ना चाहिए। यही एकमात्र तरीका है जिससे भारत भव्य भारत बनेगा।