रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांटों के खिलाफ होगा एक्शन
पानीपत, 18 दिसंबर (वाप्र)
रिफाइनरी क्षेत्र में लगे 50 रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट (आरएमएस) के खिलाफ ज्वांट एक्शन कमेटी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में अपने रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
रिफाइनरी क्षेत्र में पचास रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट लगे हुए हैं। इन प्लांट से वायु प्रदूषण तो फैलता ही है, साथ ही ये जल प्रदूषण भी फैला रहे हैं। भूमिगत जल का दुरुपयोग भी किया जा रहा है।
ददलाना वासी ग्रामीण दीपक ने इस मामले में एनजीटी में याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में दीपक पुत्र चंद्रभान ने कहा था कि ये प्लांट अनधिकृत रूप से चल रहे हैं। इससे आसपास में वायु प्रदूषण होता है, साथ ही भूमिगत जल का दोहन किया जा रहा है। इसके लिए किसी अथाॅरिटी से स्वीकृित नहीं ली गई है।
धड़ल्ले से मिक्स कंक्रीट बनाया जा रहा है। जो यहां लगे प्लांटों सहित रिफाइनरी में हो रहे निर्माण कार्यों में प्रयोग होता है, साथ ही रिफाइनरी से बाहर भी भवन निर्माण में इसकी सप्लाई दी जा रही है।
दीपक की याचिका को संज्ञान में लेते हुए एनजीटी ने डीएम पानीपत के नेतृत्व में ज्वाइंट कमेटी का गठन किया तथा याचिका तथ्यात्मक रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। कमेटी में पानीपत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित केंद्रीय प्रदूषण टीम के अधिकारियों की भी शामिल किया गया। टीम के सदस्यों ने मौका मुआयना किया। 18 दिसंबर को इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी को सौंप दी गई है।
क्या है रिपोर्ट में
रिपोर्ट में बताया गया कि याचिका में जो आरोप हैं, वे सही हैं। अनधिकृत रूप से यहां रेडिमिक्स कंक्रीट प्लांट चलाए जा रहे हैं। इन प्लांट के पास भूजल प्रयोग करने की अनुमति भी नहीं है। वायु प्रदूषण भी कर रहे हैं। रिवेन्यू डिपार्टमेंट सहित रिफाइनरी से इसकी जानकारी ली जा रही है। ये प्लांट किस की अनुमति से चल रहे हैं। जिस जमीन में ये प्लांट लगाए गए हैं। वह किसकी है, रिफाइनरी की है या अन्य किसी है। जमीन में भूजल दोहन किया जा रहा है। रिवेन्यू डिपार्टमेंट और रिफाइनरी से जवाब मिलने के बाद इन प्लांट के खिलाफ हर्जाने का एस्टीमेट तैयार कर एनजीटी को दिया जाएगा। एनजीटी के दिशा-निर्देश पर अगली कार्रवाई की जाएगी।