गेहूं घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ हो कार्रवाई : भाकियू
कैथल, 11 मई (हप्र)
भारतीय किसान यूनियन (मान गुट) हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष एवं केंद्र सरकार द्वारा गठित एमएसपी समिति के सदस्य ठाकुर गुणीप्रकाश ने प्रदेश में गेहूं खरीद में भारी-भरकम घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदार दास मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री अर्जुन
मुंडा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, महानिदेशक आईबी नयी दिल्ली, मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार चंडीगढ़, मुख्य सचिव हरियाणा सरकार चंडीगढ़, सीआईडी प्रमुख हरियाणा सरकार चंडीगढ़ को ऑनलाइन ज्ञापन भेजकर सख्त
कानूनी कार्रवाई करने की मांग की
है। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने इस बाबत कोई ठोस कदम उठाते हुए तत्काल उचित कार्रवाई नहीं की तो भाकियू प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ देगी, जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी। कस्बे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ठाकुर गुणीप्रकाश ने सरकार के नाम भेजे ज्ञापन में कहा कि हरियाणा की मंडियों में काफी हद तक गेहूं खरीद में कच्ची पर्ची और बिना जे. फार्म के मंडी प्रशासन व आढ़तियों की मिलीभगत से किसानों के साथ धोखाधड़ी करके केंद्रीय पूल में गेहूं न भेजकर कालाबाजारी करके देश को हानि पहुंचाई है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश में गेहूं खरीद पर कालाबाजारी हो रही है।
हरियाणा में जो गेहूं पोर्टल पर दर्ज करवाई थी, वह किसान मंडियों में गेहूं लेकर गए और उनके आढ़तियों के मार्फत फसल बेची, लेकिन आढ़तियों, खरीद एजेंसियों व मंडी प्रशासक ने मिलीभगत करके धोखाधड़ी करके केंद्रीय पूल में न भेज कर कालाबाजारी की है। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी में किसानों द्वारा बेची फसल के जे. फार्म न काटकर ब्लैक में बेच दी गई है, क्योंकि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रेट बढ़ गए हैं। एमएसपी समिति के सदस्य ठाकुर गुणीप्रकाश ने कहा कि सरकार द्वारा फसल निर्यात पर लगाई गई पाबंदी भी किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रही है और किसानों की फसलों को साठगांठ से सरेआम दोनों हाथों से लूटा जा रहा है। किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है। किसानों की फसलों को एमएसपी पर खरीद कर बाजार में महंगे दामों पर बेचा जा रहा है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि एक तो फसल निर्यात से पाबंदी हटाई जाए और गेहूं घोटाले को अंजाम देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ पोर्टल की भी जांच हो, नहीं तो भाकियू सड़क पर उतरने पर मजबूर होगी।