जिंदल यूनिवर्सिटी में रैगिंग के आरोप में 6 छात्रों पर कार्रवाई शुरू
सोनीपत, 11 मार्च (हप्र)
सोनीपत स्थित जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय में रैगिंग के आरोपों के चलते 6 छात्रों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। पीड़ित छात्रों को शारीरिक हमला, अपमान और धमकियों का सामना करना पड़ा था, जिस पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा, सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया ने इसे अनुशासनहीनता से बढ़कर एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन करार दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि रैगिंग छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर शिक्षा के अधिकार को कमजोर करती है। यह हिंसा, मानसिक उत्पीड़न और भेदभाव को बढ़ावा देती है, जिससे पीड़ितों की गरिमा और आत्मविश्वास को गहरी क्षति पहुंचती है।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वे 14 मई को अगली सुनवाई से पहले विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में जिन बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है, उनमें विश्वविद्यालय द्वारा रैगिंग रोकने के लिए उठाए गए कदम, आरोपी छात्रों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई, पीड़ितों के लिए उपलब्ध सहायता तंत्र, विश्वविद्यालय द्वारा यूजीसी और एंटी-रैगिंग नियमों का अनुपालन शामिल हैं।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि आयोग मामले की पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। यह मामला उच्च शिक्षण संस्थानों में एंटी-रैगिंग कानूनों की प्रभावशीलता को दोबारा परखने का अवसर प्रदान करता है, जिससे कठोर प्रवर्तन और संस्थागत जवाबदेही की आवश्यकता पर बल मिलता है।
यह था मामला
ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के छात्र प्रवेश कुमार ने राई थाना की पुलिस चौकी को बताया कि वह अपराध शास्त्र द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। वह 20 फरवरी की रात को दोस्त वासु के कमरे में गया था। तभी विवि के कई छात्र कमरे में आ गए। उन्होंने आते ही उसके साथ रैगिंग शुरू कर दी। उसने विरोध किया तो आरोपियों ने सिर में स्टील की बोतल व बेल्ट से हमला कर दिया। उन्होंने लोहे के पंच से कमर व पेट पर कई वार किए। इससे कमर में कई निशान बन गए। प्रवेश ने बताया कि उनके गले में चेन थी। इसे खींचकर गले को दबाया और धमकी दी कि किसी को बताया तो जान से मार देंगे। मोबाइल तोड़ दिया। पिटाई का वीडियो बनाया और किसी को बताने पर वायरल करने की धमकी दी। छात्र ने निजी अस्पताल में उपचार कराया था। राई थाना पुलिस ने छात्र के बयान पर मुकदमा दर्ज कर किया था।