चंडीगढ़, 27 जून (ट्रिन्यू)सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए 1 अक्टूबर 2024 को लागू की गई नि:शुल्क कैशलेस इलाज योजना के सफल और प्रभावशाली क्रियान्वयन ने हरियाणा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान दिलाया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस उपलब्धि पर ट्रैफिक एवं हाईवे विंग को बधाई और शुभकामनाएं दीं।उन्होंने कहा कि यह योजना जनसेवा, सुशासन और उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने बताया कि योजना लागू होने के बाद से अब तक 3167 सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में हरियाणा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को नि:शुल्क कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया। e-DAR और TMS जैसे उन्नत तकनीकी प्लेटफॉर्म के माध्यम से केस को न केवल रिकॉर्ड समय में अपलोड और अप्रूव किया गया तथा सरकारी फंड से इलाज को कवर किया गया।हर जिले में डीएसपी/एसीपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है, जो 24x7 सक्रिय जिला सड़क सुरक्षा सेल की अगुवाई करते हैं। दुर्घटना की सूचना मिलते ही महज़ 6 घंटे के भीतर केस की डिजिटल प्रोसेसिंग और अप्रूवल सुनिश्चित की जाती है।डिजिटल समन्वय की मिसालहरियाणा देश का पहला राज्य बना जिसने सीसीटीएनएस यानि (क्राइम एंड कंट्रोल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम) को e-DAR से सफलतापूर्वक जोड़ा। इस समन्वय से दुर्घटनाओं से जुड़ा डेटा रीयल टाइम में स्वतः ट्रांसफर होकर रिपोर्टिंग और जांच की गति को कई गुना तेज़ कर रहा है।112 और 108 का आपातकालीन गठजोड़ – समय से पहले राहतहरियाणा में 112 आपात सेवा और 108 एम्बुलेंस सेवा को आपस में जोड़कर एक रिस्पॉन्स इंटीग्रेशन मॉडल तैयार किया गया है। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, एम्बुलेंस और संबंधित थानों को एकसाथ सक्रिय किया जाता है, जिससे पीड़ितों को मिनटों में अस्पताल पहुँचाने की सुविधा सुनिश्चित होती है। इस मॉडल को केंद्रीय मंत्रालय MoRTH द्वारा पूरे देश के लिए अनुकरणीय करार दिया गया है।जन-जागरूकता से जनभागीदारी तकयोजना को व्यापक पहुंच देने के लिए MoRTH, W/DGP हरियाणा और परिवहन विभाग द्वारा राज्यस्तरीय कार्यशालाओं, सोशल मीडिया अभियानों और मीडिया कवरेज के माध्यम से निरंतर जागरूकता अभियान चलाया गया। आज राज्य के 1228 अस्पताल योजना में पंजीकृत हैं, जिससे सुनिश्चित हुआ है कि हर दुर्घटना पीड़ित को बिना देरी के उचित उपचार मिल सके।हरियाणा के 3167 मामलों में सफलता, तकनीकी दक्षता, प्रशासनिक सजगता, और जनमानस से जुड़ाव ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान दिलाया है। यह सफलता न केवल हरियाणा पुलिस की क्षमता और करुणा की पहचान है, बल्कि यह एक प्रेरक प्रमाण भी है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो बदलाव संभव है।