डीएसपी समेत 7 पुलिसकर्मियों से मारपीट का आरोपी बरी
भिवानी, 4 नवंबर (हप्र)
वर्ष 2015 में स्थानीय अनाज मंडी में सीएम रैली के दौरान डीएसपी समेत सात पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट के आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया। आरोप के अनुसार साल 2015 में भिवानी की अनाज मंडी में तत्कालीन सीएम रैली को संबोधित कर रहे थे, तब हरिओम नामक एक व्यक्ति कुर्सी पर खड़े होकर जोर-जोर से चिल्लाकर रैली को बाधित करने का प्रयास कर रहा था। तब ड्यूटी पर तैनात एसएचओ पवन कुमार ने उक्त व्यक्ति को रोका तो वह एसएचओ के साथ ही मारपीट पर उतारू हो गया और एएसआई कर्मबीर की वर्दी फाड़ दी थी। उसके बाद इंस्पेक्टर प्रदीप के साथ मारपीट की और उसके साथ डीएसपी अभिमन्यु के साथ भी हाथापाई की।
2015 के इस मामले में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमित नैन ने आरोपी हरिओम को 2018 में निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया था, जिसके बाद पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी। इस अपील की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरुचि अटरेजा की कोर्ट में की गई और सेशन कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली को सही नहीं माना।
उन्होंने अधिवक्ता मुकेश गुलिया द्वारा दी गई एक-एक दलील को ध्यान से सुना तथा उन दलीलों को सही मानते हुए सरकार द्वारा की गई अपील को खारिज कर दिया। बहस के दौरान अधिवक्ता मुकेश गुलिया ने बताया कि पूरी रैली की वीडियोग्राफी हो रही थी, जोकि पुलिस ने केस में पेश नहीं की।
जिस एएसआई की वर्दी फाड़ी गई, उसको भी केस प्रॉपर्टी में शामिल नहीं किया गया। पुलिसकर्मियों को चोट दो बजे लगती है और वो अस्पताल में इलाज के लिए शाम को साढ़े 7 बजे पहुंचते हैं और सातों पुलिसकर्मियों का एक ही गाड़ी में मेडिकल करवाने के लिए जाना भी न्यायालय को आश्चर्यचकित करने वाला लगा और स्वयं डीएसपी का कोर्ट में गवाही न देने आना कोर्ट ने सही नहीं माना।
मुकेश गुलिया की एक भी दलील का जवाब पब्लिक प्रोसिक्यूटर नहीं दे पाए। जिसके बाद आरोपी हरिओम को न्यायालय ने बरी कर दिया।