लापरवाही से वाहन चलाकर किसी की जान खतरे में डालने का आरोपी बरी
मोहाली,16 अक्तूबर (हप्र)
लापरवाही से वाहन चलाकर किसी की जान को खतरे में डालने के आरोपी को अदालत ने सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया। यह मामला जिला मोहाली में विचाराधीन था। अदालत में आरोपी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो पाए जिस कारण अदालत ने आरोपी दौलत सिंह पर लगे सभी चार्ज खत्म कर दिए और उसे बरी कर दिया। शिकायतकर्ता ने पहले कहा कि उसने दुर्घटना के समय अपराधी वाहन चालक को देखा था लेकिन जब अदालत में शिकायतकर्ता की गवाही हुई तो उसने कहा कि अदालत में खड़ा व्यक्ति जिसका नाम दौलत सिंह है, वह वही व्यक्ति नहीं है जो अपराधी वाहन चला रहा था। उन्होंने कहा कि दबाव में उसने उक्त आरोपी की पहचान की थी क्योंकि उक्त व्यक्ति का नाम उसे पुलिस ने बताया था। गवाह ने अदालत में यह भी कहा कि उसे हादसे के दौरान चोट नहीं लगी। वह स्कूटर खुद चला रहा था। उसने यह भी माना कि उससे स्कूटर की ब्रेक नहीं लगी जिस कारण वह गिर गए। अदालत को बताया गया कि कैंटर ने उन्हें टक्कर नहीं मारी। शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि जिरह के दौरान उसने अपनी स्वतंत्र इच्छा से गवाही दी है जबकि मुख्य परीक्षण के दौरान उसका साक्ष्य दबाव में था। उसने अदालत को यह भी बताया कि उसका मामले में कोई समझौता नहीं हुआ है। अदालत ने कहा कि सरकारी वकील की पूछताछ करने के बावजूद भी यह गवाह मुकदमे का सामना कर रहे आरोपी व्यक्ति के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोल पाया जिसके आधार पर यह कहा जा सके आरोपी दौलत सिंह किसी भी तरह से इस दुर्घटना में शामिल था, इसलिए अदालत उसे मामले में बरी करती है।
दौलत सिंह के खिलाफ हादसे में घायल भूपिंदर सिंह के बयान पर बनूड थाने के एसएचओ ने 31 जुलाई 2020 को मामला दर्ज किया था। भूपिंदर सिंह ने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि 28 जुलाई 2020 को वह अपने जीजा राजिंदर कुमार के साथ स्कूटर पर अपने ससुराल गांव खानपुर जिला मोहाली से जा रहे थे और स्कूटर वह खुद चला रहा था। उसने कहा कि जब शाम करीब साढे 5 बजे बनूड़ बैरियर के पास पहुंचे तो लांडरां की तरफ से आ रहा एक तेज रफ्तार ट्रक (कैंटर) ने लापरवाही से उनके स्कूटर को टक्कर मार दी थी। हादसे में वह और उसका जीजा गंभीर रूप से घायल हो गए।