मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

नूंह में अवैध खनन की जांच करेगी एसीबी, अरबों की संपत्ति के नुकसान का आंकलन

02:52 AM May 23, 2025 IST
राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के पहाड़ों का निरीक्षण करने पहुंचे डीसी अवैध रास्तों को कटवाया ।-file photo

गुरुग्राम, 22 मई (हप्र) : नूंह जिले में पिछले एक दशक से अरावली का सीना चोरी छिपे छलनी करके किए गए अवैध खनन की जांच एसीबी करेगी। अवैध खनन के लिए बनाए गए पक्के रास्तों के मामले में सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। इस मामले की जांच अब हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो भ्रष्टाचार निरोधक की टीम करेगी। एक दशक के दौरान करीब 22 अरब रुपए का अवैध खनन मामले में तैनात रहे तत्कालीन खनन से जुड़े अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी की गई है।

Advertisement

अवैध खनन की जांच में नप सकते हैं कई अधिकारी

मेवात में पिछले कुछ समय से हो रहे अवैध खनन व बगैर अनुमति के खनन के लिए बनाए गए रास्तों को लेकर मिली भगत की बू आ रही है हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पांच अधिकारियों को चार्जशीट जारी करने के निर्देश कई दिन पहले दे दिए थे। अब मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक टीम को सौंप दी गई है जिसकी पुष्टि जिले के उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने की है।

सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 में अरावली में खनन पर पाबंदी लगा दी थी बावजूद इसके खनन माफियाओं ने रवा वे आसपास के गांव की अरावली पहाड़ 22 अरब का अवैध खनन किया खनन माफियाओं द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को तक पर रखकर ने केवल कुछ गांव के अरावली पहाड़ों में अवैध खनन किया जाता रहा बल्कि इनमें लगे पेड़ पौधों को भी बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया गया था।

Advertisement

इन जगहों पर होगी अवैध खनन की जांच

फिरोजपुरझिरका उपमंडल के गांव बसई मेव नाहरीका, चित्तौड़ा, रवा,बाघोला,महू गांव के अरावली पहाड़ों में अवैध खनन का कार्य निरंतर पिछले लंबे समय से चोरी छुपे मिलीभगत के चलते किया जाता रहा है। खनन विभाग ने 27 जनवरी 2023 की अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार अकेले गांव रवा के अरावली पहाड़ की पैमाइश करने पर इस पहाड़ में से खनन माफियाओं ने 41 लाख 50 हजार 250 मीट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन किया है। जिसकी कीमत करीब 22 अरब रुपए आंकी गई थी।

अवैध खनन पर क्यों नहीं लगी पाबंदी

यह रिपोर्ट तत्कालीन एसडीएम की तरफ से तत्कालीन उपायुक्त को कार्रवाई के लिए भेजी गई थी। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में प्रश्न उठ रहे हैं कि जब जिला प्रशासन द्वारा जिले में टास्क फोर्स खनन वन विभाग के साथ-साथ स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो का थाना भी मौजूद है। इतना सब कुछ होने के बाद भी अरावली में अवैध खनन पर पाबंदी क्यों नहीं लगी। सबसे खास बात यह है कि खनन माफियाओं ने पहाड़ों में डंपरों को आने-जाने के लिए कई अवैध रास्ते भी पत्थरों का मलबा डालकर बना दिया लेकिन प्रशासन उस समय मूकदर्शक बना रहा हालांकि कभी कभार खानापूर्ति करने के लिए महज खानापूर्ति की गई।

पिछले सप्ताह मौके पर उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने खनन माफियाओं द्वारा डंपरों के लिए बनाए गए रास्तों को बुलडोजर से खुदवा दिया था। उपायुक्त ने भी पूर्व में कार्रवाई क्यों नहीं कि इस बात को लेकर अचंभित हैं पिछले सप्ताह ही इस मामले में डीसी विश्राम कुमार मीणा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बसई मेव गांव के सरपंच मोहम्मद हनीफ को निलंबित कर दिया था। आरोप था कि खनन के लिए अवैध रास्ते बनाने में सरपंच दोषी था।

राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के पहाड़ों का निरीक्षण करने पहुंचे डीसी अवैध रास्तों को कटवाया ।

अवैध खनन रोकने मैदान में उतरे नूंह के डीसी

Advertisement
Tags :
ACBACB Chief Alok Mittalअवैध खनन की जांचउपायुक्त विश्राम कुमार मीणाफिरोजपुरझिरका उपमंडलमुख्यमंत्री नायब सैनी

Related News