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साथी कर्मचारियों को फंसाने के लिए पासवर्ड का इस्तेमाल कर लिखी थी गालियां

11:29 AM Apr 08, 2024 IST
साथी कर्मचारियों को फंसाने के लिए पासवर्ड का इस्तेमाल कर लिखी थी गालियां
कैथल में मीडिया को मामले की जानकारी देते डीएसपी उमेद सिंह, व साइबर इंचार्ज शिव कुमार। -हप्र
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ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 7 अप्रैल
कैथल में आम आदमी पार्टी की ओर से चुनावी रैली के लिए मांगी गई परमिशन के ऑनलाइन आवेदन को रद्द करने और गालियां लिखने के मामले में गिरफ्तार एसडीएम कार्यालय के प्रोग्रामर और उसके साथी ने खुलासा किया है कि उनकी मंशा थी कि इस तरह आवेदन पर गलत कमेंट करने से इल्जाम कार्यालय में उनके साथ काम करने वाले दूसरे प्रोग्रामर पर आएगा और वह फंस जाएगा। वह पूरे मामले में सीधे तौर पर कहीं भी शामिल नहीं थे, इसलिए उनका सोचना था कि किसी की भी शक की सूई उन तक नहीं पहुंचेगी और उनका कांटा निकल जाएगा।
रविवार को साइबर पुलिस स्टेशन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएसपी हेडक्वार्टर उमेद सिंह ने बताया कि पुलिस हिरासत में लेने के बाद सशर्त छोड़ दिया कि जब भी जरूरत पड़ेगी, उन्हें जांच में शामिल होना होगा। एसडीएम कार्यालय के सस्पेंड किए गए कंप्यूटर ऑपरेटरों का पूरे मामले से कोई ताल्लुक नहीं है। यह दोनों ही पूरे मामले के मास्टरमाइंड हैं।

ट्रेनिंग के दौरान चोरी किया आयोग के पोर्टल का पासवर्ड

साइबर पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर शिवकुमार ने बताया कि पूरे मामले का मास्टरमाइंड शिवांग एसडीएम गुहला और कैथल के कार्यालय में कंप्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर काम करता है। 3 अप्रैल को कैथल में आयोजित एनकोर पोर्टल की ट्रेनिंग में शिवांग भी गुहला से आकर शामिल हुआ था। ट्रेनिंग के दौरान ही उसने धोखे से पोर्टल का पासवर्ड चोरी कर लिया। इसका मकसद एसडीएम कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर्स को रंजिश में फंसाना था। इस काम में उसकी मदद पशुपालन विभाग में ग्रुप डी के कर्मचारी प्रवीण ने की। दोनों ने मिलकर 3 अप्रैल की रात को ही राधास्वामी कॉलोनी के शिवांग के घर पर धोखे से चुराए गए पासवर्ड का प्रयोग कर मोबाइल पर निर्वाचन आयोग का पोर्टल खोल लिया। रैली की परमिशन मांगने के लिए जिस आवेदन का इस्तेमाल किया, जिसकी उन्हें ट्रेनिंग दी गई थी, वह खुला हुआ था। दोनों ने मिलकर जानबूझकर उस आवेदन पर गलत कमेंट किया और गालियां लिख दी। अगले दिन 4 अप्रैल को सुबह भी उन्होंने दूसरे आवेदन पर गालियां लिखी। उन्हें यह बात अच्छी तरह मालूम थी कि जो कमेंट उन्होंने लिखे हैं, उसे डिलीट नहीं किया जा सकता। 5 अप्रैल को घटना का पता लगने पर एसडीएम ने अपने कार्यालय के पांच कंप्यूटर ऑपरेटर को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद इस मामले में 6 अप्रैल शनिवार को हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी ने कैथल के सहायक निर्वाचन अधिकारी कम एसडीएम को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था।

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