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दसवीं की मेरिट में छाए आरुषि, प्रिया और अमन, संजोए हैं बड़े सपने

07:42 AM May 16, 2025 IST
दसवीं की मेरिट में छाए आरुषि  प्रिया और अमन  संजोए हैं बड़े सपने
नवज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल खरूणी की मेरिट में आने वाली छात्राओं आरुषि धीमान और प्रिया का पैतृक गांव हररायेपुर में मुंह मीठा करवाते उनके माता पिता और प्रधान संजीव कुमार संजू।
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बीबीएन, 15 मई (निस)
छोटे से गांव की संकरी गलियों से निकलकर जब मेहनत आसमान को छूती है, तो पूरे क्षेत्र को गर्व महसूस होता है। ऐसा ही कर दिखाया है नवज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल खरूणी के तीन होनहार छात्रों आरुषि धीमान, प्रिया और अमन कुमार ने। इन्होंने हिमाचल प्रदेश बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर मेरिट सूची में स्थान बनाया है। तीनों छात्रों ने न केवल अपने स्कूल और परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि लगन और अनुशासन के साथ पढ़ाई की जाए तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। खरूणी की छात्रा आरुषि धीमान ने 700 में से 692 अंक प्राप्त कर प्रदेश की मेरिट सूची में पांचवां स्थान हासिल किया है। आरुषि ने इस सफलता का श्रेय अपने पिता परमजीत धीमान व माता सोनिया और शिक्षकों को देते हुए कहा। मेरी मेहनत और मेरे परिवार का सहयोग मेरी सबसे बड़ी ताकत है।
स्कूल की पढ़ाई के साथ आरुषि ने प्रतिदिन 8 से 9 घंटे की पढ़ाई की। उनका सपना यूपीएससी परीक्षा पास कर प्रशासनिक सेवा में जाना है। उनके पिता एक व्यवसायी हैं जबकि मां गृहिणी हैं। प्रिया ने भी 700 में से 692 अंक प्राप्त कर पांचवां स्थान हासिल किया है। प्रिया का सपना भारतीय सेना में अफसर बनना है और इसके लिए वह एनडीए परीक्षा की तैयारी करना चाहती है। प्रिया ने रोजाना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल किया। उन्होंने भी अपनी सफलता का श्रेय पिता गुरदेव व माता उषा रानी और शिक्षकों को दिया। उनके पिता व्यवसायी हैं और मां गृहिणी। आरुषि धीमान और प्रिया ने हिमाचल बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में मेरिट में स्थान पाकर हररायेपुर का नाम रोशन किया है। प्रिया का आज जन्मदिन भी है वो 17 वर्ष की हो गई हैं।
अमन का सपना देश की सेवा करना
तीसरे छात्र अमन कुमार ने 700 में से 688 अंक प्राप्त कर मेरिट में नौवां स्थान प्राप्त किया है। अमन का सपना भी यूपीएससी परीक्षा पास कर देश की सेवा करना है। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ हर दिन 5 से 6 घंटे की मेहनत की और अपनी सफलता को माता-पिता और अध्यापकों को समर्पित किया।
अमन के पिता एक निजी नौकरी करते हैं और मां गृहिणी हैं।

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