ओएनजीसी से मिलकर की जाएगी एक कुएं की खुदाई : धुम्मन सिंह
कलायत, 11 अप्रैल (निस)
बृहस्पतिवार को ऐतिहासिक श्री कपिल मुनि तीर्थ धाम पहुंचे सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि आज तक सरस्वती नदी पर जितने भी शोध हुए हैं, उन पर कार्य चला हुआ है।
उन्हें कुछ लोगों से पता चला कि ऐतिहासिक श्री कपिल मुनि तीर्थ के किनारे सरस्वती की धारा फूट रही है। 2005-07 में भी वे कपिल मुनि तीर्थ से निकल रहे पानी के सैंपल लेकर गए थे।
फिर इसरो रिसर्च निदेशक डॉ. बीके भद्रा ने रिपोर्ट दी थी कि सरस्वती यहीं से युगों-युगों से बहती आई है। यहां के सीडीमेट रिसर्च में ये सामने आया था कि यह जल और यही स्थान सरस्वती का है। तभी यहां से सरस्वती की जलधारा प्रवाहित हो रही है। जो स्वर्ण कण श्री कपिल मुनि धाम तीर्थ में पाए गए हैं, वही स्वर्ण कण आददिबद्री से रण और कच्छ में भी पाए गए हैं।
वही स्वर्ण कण यमुनानगर जिले के बिलासपुर स्थित सोम नदी में भी पाए गए हैं, जो कि वहां के लोगों की आजीविका का साधन हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से ऋषि मुनियों ने सरस्वती नदी के किनारे तपस्या की है, जिसका वर्णन वेद पुराणों में भी है और अब इस सरकार में सरस्वती नदी पर अच्छे ढंग से कार्य चल रहा है। इस दौरान उन्होंने कपिल मुनि तीर्थ के किनारे से निकल रहे पानी और मिट्टी के सैंपल लिए और उन्होंने इन सैंपलों की जांच करवाने की बात कही। इस अवसर पर उनके साथ घुमंतू जाति बोर्ड चेयरमैन जसवंत पठानिया, भाजपा मंडल अध्यक्ष राजीव राणा, मंडी प्रधान सुरेंद्र नंबरदार, उपप्रधान प्रमोद कंसल, धर्मपाल धीमान, राकेश कंसल, राजू कौशिक, राहुल राणा, राधेश्याम भट्ट, संजय सिंगला,अजय राणा मौजूद रहे।
कलायत में भी बनाया जाएगा घाट
सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच ने बताया कि सरस्वती बोर्ड द्वारा तीर्थ पर एक घाट का निर्माण और ओएनजीसी से मिलकर एक कुएं की खुदाई करवाई जाएगी ताकि नीचे से फूटने वाले इस जल प्रवाह को रास्ता दिया जा सके और श्रद्धालुओं को भी तीर्थ से स्वच्छ जल मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को आगे ले जाने के लिए उनकी मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी बात हुई है।