नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (एजेंसी)मतदान संबंधी कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों का सार्वजनिक निरीक्षण रोकने के लिए चुनाव नियमों में किए गये बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चुनाव आयोग की संस्थागत शुचिता को नष्ट करने की ‘सुनियोजित साजिश’ का हिस्सा है। खड़गे ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की निष्ठा को जानबूझकर खत्म किया जाना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है।उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश को उस चयन समिति से हटा दिया गया था, जो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करती है और अब वे हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को रोकने में लगे हैं।’खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने मतदाता सूची से नाम हटाए जाने और ईवीएम में पारदर्शिता की कमी जैसी चुनाव संबंधी अनियमितताओं के बारे में जब भी आयोग को पत्र लिखा, तो उसने तिरस्कारपूर्ण लहजे में जवाब दिया और कुछ गंभीर शिकायतों को स्वीकार भी नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘इससे यह फिर साबित होता है कि चुनाव आयोग अर्ध-न्यायिक निकाय होने के बावजूद स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है।’गौर हो कि सरकार ने चुनाव नियमों में बदलाव करते हुए सीसीटीवी कैमरा, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोक दिया है। चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया है।