फैशन, कला और ऐतिहासिक धरोहर का अनूठा ‘मिलान’
अमिताभ स.
मिलान, इटली ही नहीं, दुनिया के सबसे फैशनेबल शहरों में से एक है। यह दुनिया के कुछ प्रमुख और बड़े फैशन ब्रांडों का घर है। इसीलिए इसे फैशन सिटी के तौर पर पहचान मिली है। फैशन और हेरिटेज विरासत मिलान घूमने के सबसे खास कारणों में से एक है। 19वीं शताब्दी से कपड़ा उत्पादन का प्रमुख केंद्र रहा है। गुच्ची, वरसाचे, पराडा, अरमानी और डोल्से एंड गब्बाना जैसे फ़ैशन की दुनिया के नामी-गिरामी हाई-फाई ब्रांडों की शुरुआत यहीं से हुई, या इनके सबसे बड़े ऑउटलेट।
यहां फैशन के कुछ सबसे बड़े ब्रांड्स के नए संग्रह देखने का मौक़ा मिलता है। इनके उत्पादों की जितनी बेशुमार वैरायटी यहां मिलती है, दुनिया में शायद और कहीं नहीं।
यहीं ब्रिटेन के ब्रांड प्राइमार्क का कई मंजिला स्टोर भी है। खास बात है कि इसमें मेड इन इंडिया के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, कम्बोडिया, वियतनाम वगैरह देशों के कपड़े और अन्य प्रोडक्ट्स हैं, लेकिन यूरोप के किसी अन्य देश का नहीं। यह सालाना आयोजित वर्ल्ड फैशन वीक की मेज़बानी का ठिकाना भी है। फैशन के साथ-साथ मिलान फ़र्नीचर फ़ेयर अपनी तरह का सबसे बड़ा व्यापार मेला है, जिसमें दुनिया भर के फ़र्नीचर उत्पादक अपने डिज़ाइन प्रदर्शित करते हैं। फर्नीचर डिज़ाइन के इतिहास के बारे में अधिक जानने के लिए ट्राइनेले डिज़ाइन म्यूज़ियम और म्यूज़ियम ऑफ़ कल्चर बेहतरीन जगह हैं। मिलान के बीचोंबीच एक ही बाज़ार में सभी ब्रांड्स के बड़े-बड़े स्टोर मौजूद हैं। यही सबसे पुराना शॉपिंग मॉल भी है। नाम है- गैलेरिया विटोरियो इमानुएल। यह 19वीं सदी का शॉपिंग सेंटर है। अविश्वसनीय लोहे और कांच से बनी बहुत ऊंची छत की शोभा देखते ही बनती है।
यहीं इटली का सबसे बड़ा और मिलान का अति प्रतिष्ठित चर्च भी है। इटली के लोग चर्च के आसपास बैठ कर खाना-पीना पसंद करते हैं। इसीलिए इर्द-गिर्द रेस्टोरेंट-कैफों की भरमार है, सभी खचाखच भरे रहते हैं। चर्च के सामने खुला-सा स्क्वेयर सबसे रौनकी इलाका है। पूरा इलाक़ा डुओमो कहलाता है। आसपास की इमारतों के वास्तुशिल्प को निहारना अद्भुत अनुभव है। हर इमारत की ऊंची-ऊंची आलीशान छतों को देख-देख सैलानी दंग होते हैं। डुओमो की छत सबसे खास है। करीब 250 सीढ़ियों से चढ़कर, या लिफ्ट के ज़रिए भी ऊपर तक जा सकते हैं। सुदूर से दिखते एल्प्स के शानदार नज़ारे दिल को लुभाते हैं।
देखने लायक़ बहुत कुछ
मिलान की वास्तुकला महज डुओमो के इर्द-गिर्द ही नहीं है। पूरा शहर एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है, जहां संग्रहालय और कलादीर्घाएं हैं। इनमें लियोनार्डो दा विंची की प्रमुख और शानदार कृतियों समेत दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण संग्रह शामिल हैं। इटली के अन्य शहरों से हटकर, मिलान में कई शैलियों का अनुपम मिश्रण है। यह शहर रोमन काल का है, हालांकि उस युग की बहुतेरी इमारतें नहीं बची हैं, फिर भी सेन लोरेंजो मैगीगोर के बेसिलिका के रोमन स्तंभों में इसका प्रभाव दिखता हैं। इसी शैली की एक अन्य इमारत सांता मारिया डेले ग्राज़ी चर्च भी है। अब यह यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर करार दी गई है। यहीं महान चित्रकार लियोनार्डो दा विंची ने ‘द लास्ट सपर’ चित्रित किया था। एक और आकर्षण में है बोस्को वर्टिकल या वर्टिकल फ़ॉरेस्ट। शहरी जैव विविधता को पुनर्जीवित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आलीशान अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स है। बाहर से 15,000 से ज़्यादा पौधों से ढका हुआ है।
यूरोप के सबसे बड़े स्टारबक्स ऑउटलेट में से एक मिलान में भी है। अंदर सामने बड़ी-बड़ी मशीनों से कॉफी पाउडर पिसता-बनता रहता है। कितनी ही वैरायटी की ठंडी-गर्म कॉफियां पेश की जाती हैं। अपने ऑर्डर की बारी के लिए आधा-एक घंटा क़तार में इंतज़ार तक करना पड़ता है। स्टारबक्स में तो नहीं, लेकिन दूसरे रेस्टोरेंट्स से कॉफी से कहीं ज़्यादा क्रेज एपरोल नाम की ड्रिंक का है। बोतलबंद ड्रिंक बोतल है, देखने में संतरी रंग की है, और वाइन जैसी हल्की नशीली है। मिलान के लोग और पर्यटक भी बढ़- चढ़ इसे पीना पसंद करते हैं।
मशहूर हैं ठग
अन्य यूरोपीय देशों के शहरों से उलट मिलान में भिखारी दिख जाते हैं। रेलवे स्टेशन के बाहर भी बेरोज़गार आप के बैग ट्रेन में चढ़ाने को नजदीक आ जाते हैं। स्टेशन और हेरिटेज स्थलों पर बाकायदा अनाउंसमेंट होती रहती है कि अपने सामान का ख्याल रखिए, जेब कतरों से बचिए। यूं भी, इटली के ठग पूरी दुनिया में मशहूर हैं। शायद यही वजह है कि लोग ज़रा शकी स्वभाव के हैं। बात-बेबात पर सामने वाले को शक की निगाह से देखना उनकी आदत में शुमार है। सभी यूरोपीय देशों के तरह रहन-सहन महंगा तो है ही। आजकल वहां पेट्रोल-डीज़ल के दाम करीब 1.89 यूरो (एक यूरो करीब 95 रुपये) प्रति लीटर हैं, जबकि फुल क्रीम, टोन और डबल टोन के मुताबिक दूध का भाव 50 सेंट से 2 यूरो प्रति लीटर है।
अंग्रेज़ी कम बोलते हैं
बोलचाल की भाषा इटेलियन है। अंग्रेज़ी समझने-बोलने वाले भी हैं, बेशक कम हैं। चार में से एक टैक्सी ड्राइवर को ही अंग्रेज़ी आती है। इसलिए इटेलियन न बोलने-समझने वालों को आने-जाने में दिक्कत होती है। हालांकि मेट्रो या ट्राम की टिकट लेने और मेकडॉनल्ड में ऑर्डर बुक करने के लिए वेंडिंग मशीन में अंग्रेज़ी का विकल्प है। अंग्रेज़ी कम समझने वाले देश और शहर में, हिंदी भाषियों को एक बात हैरान करती है कि पाइनएपल जूस की बोतलों पर अंग्रेज़ी में ‘अनानास’ लिखा रहता है। लेकिन और ताज्जुब गूगल से जान कर कि पाइनएपल को इटेलियन में भी अनानास ही कहते हैं। यही नहीं, जर्मन, डच, रूसी वगैरह में भी अनानास ही कहा जाता हैं। उच्चारण में बेशक फ़र्क़ हो सकता है। कह सकते हैं कि इटेलियन के कई शब्द हिंदी से मिलते-जुलते हैं। ग़ौरतलब है कि दुनिया भर में सबसे अधिक बोली जाने वाली दो यूरोपीय भाषाओं में से एक अंग्रेजी में पाइनएपल और स्पेनिश में पिना कहते हैं।
दिल्ली से 8.30 घंटे दूर
* दिल्ली से करीब साढ़े 8 घंटे की उड़ान से मिलान पहुंचते हैं।
* मिलान सड़क, ट्रेन और हवाई सफ़र से यूरोपीय देशों के कई शहरों से सीधे जुड़ा है।
* समय के लिहाज से भारत के शहरों से साढ़े 3 घंटे पीछे है।
* करेंसी यूरो है। आजकल एक यूरो करीब 95 रुपये के बराबर है।
* भाषा इटेलियन है। बमुश्किल आधे लोग ही अंग्रेज़ी बोल और समझ पाते हैं।