जटिल जीवन की सहज अभिव्यक्ति
पुस्तक : एक ज़िंदगी... एक स्क्रिप्ट भर कथाकार : उपासना प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद पृष्ठ : 184 मूल्य : रु. 250.
कमलेश भारतीय
युवा कथाकार उपासना का कथा संग्रह ‘एक ज़िंदगी... एक स्क्रिप्ट भर’ जीवन और समाज की जटिलताओं को बखूबी उजागर करता है। प्रसिद्ध कथाकार प्रियंवद के अनुसार, उपासना एकाग्रता, गंभीरता और निष्ठा के साथ मौजूदा दौर पर कहानियां लिखती हैं। इस संग्रह में आधा दर्जन कहानियां शामिल हैं, जिनमें से पांच लंबी हैं और एक ‘कार्तिक का पहला फूल’ छोटी कहानी है।
संग्रह की शीर्षक कथा ‘एक ज़िंदगी... एक स्क्रिप्ट भर’ एक शांत प्रेम कथा है, जो पुराने समय की धुन को दर्शाती है। गीता और शंकर के किशोर प्रेम को शानदार ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो पुराने समय की याद दिलाता है। गीता की शादी के बाद के दुख और उसका मायके लौटना भी भावनात्मक रूप से एक प्रभावशाली और हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति बन पड़ी है।
‘कार्तिक का पहला फूल’ में ओझा जी की भावनात्मक स्थिति को सुंदरता से चित्रित करने का प्रयास कहानीकार ने बखूबी किया है, जब उनका प्रिय फूल पूजा के लिए तोड़ लिया जाता है। ‘एमही सजनवा बिनु ए राम’ ग्रामीण जीवन की छोटी-बड़ी घटनाओं को गहराई से दर्शाती है, जबकि ‘नाथ बाबा की जय’ साम्प्रदायिक उन्माद की ओर बढ़ते घटनाक्रम को सहजता से बयां करती है। ‘टूटी परिधि का वृत्त’ और ‘अनभ्यास का नियम’ लंबी कहानियां हैं, जो अपना आकर्षण बनाए रखती हैं।
उपासना की भाषा हृदयस्पर्शी और ताज़गी से भरी है, जो पुराने दृश्यों को जीवंत कर देती है। निश्चय ही यह संग्रह प्रभावी कहानीकार की उम्मीद जगाता है।