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ऐसे जननायक, जिनका दिल धड़कता था गरीब के लिए

07:47 AM Sep 25, 2023 IST

चौधरी देवीलाल जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठे हुए एक महान राजनीतिज्ञ और राष्ट्रवादी शख्स थे। ऐसे महान नेता राजनीति में विरले ही मिलते हैं। चौधरी देवीलाल का दिल सदैव गरीबों के लिए धड़कता था, इसीलिए जनता ने चौधरी देवीलाल को जननायक का दर्जा दिया। मुझे स्वयं इसका अहसास 1989 में हुआ। दरअसल, चौ. देवीलाल ने 31 मार्च, 1989 में मेरे गांव खेड़ी मसानिया में जिन परिस्थितियों में अनुसूचित जाति चौपाल का उद्घाटन किया था, उससे उनके 36 बिरादरी का
नेता होने की प्रामाणिकता और पुख्ता हुई।
मामला यह था कि उस समय मुख्यमंत्री चौ. देवीलाल ने गांव-गांव में अनुसूचित जाति चौपालों का निर्माण करवाने की घोषणा की थी और हजारों गांव में ऐसी चौपालों का निर्माण करवाया भी गया। चौपाल के निर्माण के लिए मैचिंग ग्रांट के रूप में आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया था। इसकी जिम्मेदारी तत्कालीन सरकार में उद्योग मंत्री डॉ. कृपाराम पूनिया को सौंपी गई। डॉ. पूनिया चौ. देवीलाल के अत्यंत विश्वासपात्र थे और चौ. देवीलाल उनकी हर बात पर विश्वास करते थे। उन्हीं दिनों मैं अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर समाज सेवा का कार्य कर रहा था। मोहल्ला वासियों की सहमति से गांव में श्री गुरु रविदास मंदिर का शिलान्यास और चौपाल के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए तत्कालीन उद्योग मंत्री डॉ. कृपाराम पूनिया के कार्यक्रम की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई। चंडीगढ़ में डॉ. कृपाराम पुनिया से मुलाकात के बाद 12 मार्च का प्रोग्राम तय हो गया। इसी के चलते 12 मार्च, 1989 को डॉ. पूनिया दोनों भवनों के उद्घाटन व शिलान्यास के लिए खेड़ी मसानिया गांव में आ रहे थे तो कुछ लोगों ने षड्यंत्रकारी राजनीति के तहत उनका रास्ता रोक दिया और गांव में नहीं जाने के लिए कहा। स्थिति को भांपते हुए डॉ. पूनिया वापस चंडीगढ़ चले गए और चौ. देवीलाल को अपना इस्तीफा
सौंप दिया।
अगले दिन यह खबर सभी राष्ट्रीय समाचार पत्रों के पहले पन्ने पर छपी थी। हालांकि, मुख्यमंत्री चौ. देवीलाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। डॉ. कृपाराम पूनिया ने मुझे अगले दिन चंडीगढ़ बुलाया और इलाके के पूरे माहौल की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ में ही मुझे चौ. देवीलाल से मिलवाया। तब चौ. देवीलाल ने मुझसे पूछा, ‘हां भाई छोरे क्या चाहते हो तुम!’ मैंने उनसे कहा कि डॉ. कृपाराम पूनिया तो आएं ही आप भी हमारी चौपाल के उद्घाटन समारोह में आएंगे तो क्षेत्र के गरीब व अनुसूचित जाति के लोगों को खुशी होगी। तब चौ. देवीलाल ने विश्वास भरे शब्दों में अपने ही अंदाज में कहा था, ‘मैं गांव खेड़ी मसानिया में 31 मार्च को आऊंगा और आप तैयारी करो।’ 12 मार्च और 31 मार्च के बीच बड़ी ही असमंजस की स्थिति बनी रही कि मुख्यमंत्री देवीलाल खेड़ी मसानिया आएंगे या नहीं। इस दौरान कार्यक्रम का स्थान बदलने व कार्यक्रम को रद्द करवाने के लिए मुझ पर कई प्रकार से दबाव बनाया गया, लेकिन चौ. देवीलाल ने सभी शंकाएं दूर करते हुए गांव की चौपाल का 31 मार्च को उद्घाटन और श्री गुरु रविदास मंदिर का शिलान्यास किया और भारी भीड़ को संबोधित किया। साथ ही, मैचिंग ग्रांट की घोषणा करते हुए उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि गरीब उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। इस प्रकार से गांव की चौपाल का निर्माण कार्य पूरा हुआ और आज यह एक आलीशान भवन बना है, जिसे जो देखता है, प्रशंसा करते नहीं थकता। खेड़ी मसानिया गांव के साथ साथ पूरे हरियाणा के अनुसूचित जाति समुदाय के लोग भी उसे एक ऐतिहासिक क्षण मानते हुए आज चौ. देवीलाल को उनके जन्मदिवस पर नमन करते हैं। याद करते हैं।
- सतीश मेहरा

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