For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

अपार संभावनाओं का प्रोफेशनल कैरियर

10:40 AM May 30, 2024 IST
अपार संभावनाओं का प्रोफेशनल कैरियर
Advertisement

एग्रीकल्चर साइंटिस्ट का काम पेड़-पौधों, बीजों,फलों, फसलों,मिट्टी और पशुओं पर रिसर्च करने से जुड़ा है ताकि खेती में उनका उपयोग हो व किसानों को फायदा हो। पादप, फसल, मिट्टी व पशुओं के अलग-अलग शोध विशेषज्ञ हैं जिनकी डिमांड लाखों की संख्या में होगी। वहीं वेतन का स्तर भी अच्छा है।

Advertisement

कीर्तिशेखर
भविष्य के सबसे मजबूत और शानदार कैरियर्स में कृषि क्षेत्र अग्रणी हो सकता है। यूं तो कृषि क्षेत्र में 12वीं के बाद या बीएससी एग्रीकल्चर करने के बाद पहले भी बहुत सारे कैरियर मौजूद रहे हैं, लेकिन हाल में इस क्षेत्र में जिस कैरियर की देश-विदेश में हर जगह धूम है, वह है- एग्रीकल्चर साइंटिस्ट का कैरियर। गौरतलब है कि एग्रीकल्चर साइंटिस्ट को एग्रीकल्चर क्षेत्र का रिसर्च प्रोफेशनल भी कहते हैं। एग्रीकल्चर साइंटिस्ट-पेड़, पौधों, बीजों,फलों,अनाज की फसलों,मिट्टी और पशुओं पर लगातार रिसर्च करता है। ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। नई-नई जानकारियां हासिल करना,कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लायक बनाना, जिससे कि फसलों की पैदावार और गुणवत्ता बेहतर हो। कृषि वह क्षेत्र है जो कभी भी सीमित व संकुचित नहीं होगा।
फूड साइंटिस्ट
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के पहले पता होना चाहिए कि हम इस क्षेत्र में क्या बनना चाहते हैं। फूड साइंटिस्ट एक विशेष कैरियर है जिसमें फूड साइंटिस्ट बेहतर और ज्यादा उत्पादन के लिए रिसर्च करता है। यह फूड साइंटिस्ट किसी खाद्यान्न विशेष में मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों के विवेचन और उनकी क्वालिटी कंट्रोल का भी काम करता है।


प्लांट वैज्ञानिक
कृषि क्षेत्र में दूसरा महत्वपूर्ण प्रोफेशनल कैरियर प्लांट साइंटिस्ट का है। कृषि वैज्ञानिक फसलों के उत्पादन के लिए ही नहीं बल्कि विभिन्न पौधों की क्रॉस ब्रीडिंग भी करते हैं और अपनी रिसर्च से यह समझने की कोशिश करते हैं कि इंसान के लिए पोषक तत्वों से भरे फल व अनाज किन पौधों की ब्रीडिंग या जेनेटिक्स चेन से हासिल किये जा सकते हैं। चालीस साल पहले पहले हिंदुस्तान में दो-तीन किस्म के ही देसी टमाटर थे लेकिन अब टमाटरों की किस्में 100 से ज्यादा हैं जिनमें कई किस्में तीन हफ्तों तक खुले में रखे रहने के बावजूद खराब नहीं होतीं। ये सब कृषि वैज्ञानिकों के शोध का नतीजा है।
एनिमल साइंटिस्ट
कृषि क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कैरियर है एनिमल साइंटिस्ट का। जैसे कुछ कृषि वैज्ञानिक पौधों पर अलग-अलग तरह के रिसर्च करके ज्यादा फसलों के उत्पादन और अनाजों के गुणवत्तापूर्ण बनाने की कोशिश में लगे होते हैं, वैसे ही एनिमल साइंटिस्ट पशुओं की ब्रीड के विकास, मछली, डेरी उत्पाद, पोल्ट्री फ़ार्म आदि में नयी- नयी रिसर्च करके इसे इंसानों के लिए बेहतर बनाने की कोशिश में लगे
रहते हैं।

Advertisement

सॉयल साइंटिस्ट, हॉर्टीकल्चर वैज्ञानिक
कृषि वैज्ञानिकों की जमात में सॉयल साइंटिस्ट भी महत्वपूर्ण प्रोफेशनल होते हैं। ये वैज्ञानिक मिट्टी पर रिसर्च करके ये कृषि करने वाले किसानों को बताते हैं कि किस मिट्टी में क्या बेहतर उगाया जा सकता है। इसके अलावा भी कृषि क्षेत्र में दर्जनों प्रोफेशनल कैरियर है। हॉर्टीकल्चर में हाल के सालों में बहुत तेजी से विकास हुआ है। कृषि विज्ञान के क्षेत्र में कृषि अर्थशास्त्रियों की अच्छी खासी जगह होती है।
शुरुआती वेतन
कृषि से जुड़े इन सभी क्षेत्रों की औसतन सालाना सैलरी शुरुआत से ही 5-6 लाख रुपये सालाना होती है। मसलन फूड साइंटिस्ट को शुरुआत से ही 6-7 लाख रुपये सालाना की नौकरी मिल जाती है, तो पौधों के वैज्ञानिकों को 5-6 लाख रुपये, पशु वैज्ञानिकों को भी 5-6 लाख रुपये और मिट्टी वैज्ञानिकों को 7-8 लाख रुपये सालाना की नौकरी मिल जाती है।
देश में इस समय कम से कम डेढ़ लाख कृषि प्रोफेशनल कार्यरत हैं और करीब 4 लाख की और जरूरत है। कृषि प्रोफेशनलों की जितनी मांग भारत में है, उससे कहीं ज्यादा विदेशों में भी है। इस क्षेत्र में 12वीं के बाद महत्वपूर्ण डिग्री और डिप्लोमा पाने के लिए इन इंस्टीट्यूट में पढ़ाई की जा सकती है-
नेशनल डेयरी इंस्टीट्यूट करनाल, हरियाणा : यहां बीटेक, एमएससी और पीएचडी के कोर्स उपलब्ध हैं, जो 12 से 25 हजार रुपये सालाना की फीस में हो जाते हैं। इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट नई दिल्ली : यहां से मास्टर प्रोग्राम 21-30 हजार और डॉक्टोरल प्रोग्राम 30-40 हजार में किया जा सकता है। पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी लुधियाना : यहां 47 हजार रुपये में बीएससी, 1 लाख रुपये में बीटेक, 51 हजार रुपये में एमएससी व 54 हजार में पीएचडी की जा सकती है। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी हरियाणा : यहां से बीएससी, बीटेक, एमटेक और पीएचडी की डिग्री 8 हजार से 65 हजार रुपये तक में हासिल की जा सकती हैं।
देश में कई जगह कृषि संबंधी ऐसे पाठ्यक्रम प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के संस्थानों में उपलब्ध हैं। फॉरेन यूनिवर्सिटीज में ऐसे कृषि पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। कृषि का आधुनिकीकरण हो रहा है, ऐसे में आने वाले दिनों में कृषि क्षेत्र में रिसर्च साइंटिस्टों की भारी मांग होगी। जानकारों की मानें तो साल 2030 तक इस क्षेत्र में डेढ़-दो लाख प्रोफेशनल की जरूरत होगी। -इ.रि.सें.

Advertisement
Advertisement