सिविल अस्पताल को वानर सेना के आतंक से मुक्ति दिलाने की गुहार
जींद, 8 जून (हप्र)
जींद के सिविल अस्पताल में मरीजों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को वानर सेना से निजात दिलाने के लिए स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ ने डीसी तथा नगर परिषद अधिकारियों को फिर पत्र लिखकर गहार लगाई है।
सिविल अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में बंदरों का झुंड घूमता रहता है। अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ- साथ चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को हर समय बंदरों से खतरा बना रहता है। आए दिन ये बंदर सिविल अस्पताल में किसी न किसी व्यक्ति पर हमला कर उसको घायल कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राममेहर वर्मा ने बताया कि काफी बार तो बन्दर सिविल अस्पताल में दाखिल मरीजों के बेड तक पहुंचकर मरीज को घायल कर उनके खाने के सामान को उठा ले जा चुके हैं। कई बार अस्पताल में घुसकर कम्पयूटर सहित सिविल अस्पताल के रिकार्ड को नष्ट भी कर चुके हैं। बंदरों के उत्पात का आलम यह है कि सिविल अस्पताल की आवासीय कालोनी में रहने वाले डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों का घरों से बाहर आना-जाना दूभर हो गया है। अस्पताल में बंदरों की समस्या पिछले 5 साल से बनी हुई है। दिसंबर, 2020 से जिला प्रशासन तथा नगर परिषद अधिकारियों को गुहार लगाए जाने के बाद 24 मार्च, 2024 को बन्दर पकड़ने वाली टीम सिविल अस्पताल में आई थी, जो महज 15 से 20 बंदर ही पकड़ पाई थी और फिर वापस चली गई थी।
टीम जाते समय यह कहकर चली गई कि शेष बन्दर पकड़ने के लिए फिर आएंगे। अब बार-बार पत्र लिखने के बाद एक टीम इस साल 23 फरवरी को 14 बन्दर पकड़ कर ले गई, 3 मार्च को 8 बन्दर पकड़े गए। अब बंदर पकड़ने का ठेका खत्म हो गया है, मगर अस्पताल में वानर सेना का आतंक जस का तस बना हुआ है।