मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

एक नजर जमानत जब्त करवाने वालों पर

06:47 AM Mar 20, 2024 IST

नयी दिल्ली : देश में 1951 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर विगत आम चुनाव तक 71 हजार से ज्यादा प्रत्याशी कुल पड़े मतों का कम से कम छठा हिस्सा भी हासिल नहीं करने की वजह से अपनी ज़मानत जब्त करवा चुके हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में तो 86 प्रतिशत उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई थी। नियमों के तहत, जो उम्मीदवार कुल पड़े वैध मतों का छठा हिस्सा हासिल करने में विफल रहते हैं, उनकी ज़मानत राशि को जब्त कर लिया जाता है और राजकोष में जमा करा दिया जाता है। पहले लोकसभा चुनाव में साल 1951 में ज़मानत राशि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 500 रुपये और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एससी) उम्मीदवारों के लिए 250 रुपये थी जो सामान्य श्रेणी और एससी/एसटी वर्ग के प्रत्याशियों के लिए अब बढ़कर क्रमश: 25 हजार और 12,500 रुपये हो गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा बसपा प्रत्याशियों की ज़मानत जब्त हुई थी। बसपा ने 383 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे जिनमें से 345 की ज़मानत जब्त हो गई थी। इसके बाद कांग्रेस आती है जिसने 421 सीट पर चुनाव लड़ा था और 148 सीट पर उसके उम्मीदवार अपनी ज़मानत गंवा बैठे थे। आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 51 उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई थी।

Advertisement

Advertisement