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स्वस्थ रहने में मददगार रोज हंसी की डोज

08:04 AM Dec 04, 2024 IST

खुलकर हंसने वाले लोगों के चेहरे अकसर चमकदार नजर आते हैं। इसके साथ ही हालिया कई अध्ययनों व शोधों के मुताबिक, ठहाके लगाना व नियमित हंसी की डोज कई रोगों में फायदेमंद हैं जैसे शूगर व हृदय रोगों में। इसके अलावा हंसने से मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है। इम्यूनिटी बेहतर करने में भी हंसना एक मददगार क्रिया है। त्वचा तो निखरती ही है।

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शिखर चंद जैन

दुनिया भर में कई रिसर्च हो चुकी हैं जिनके नतीजों में पाया गया कि हंसी-ठहाके लगाने वाले लोग दीर्घायु व आमतौर पर स्वस्थ-सफल इंसान होते हैं। हंसने-मुस्कुराने से न सिर्फ तनाव कम होता है बल्कि हमारे तन-मन को और भी कई तरह के फायदे मिलते हैं।

मधुमेह में फायदेमंद

कैलिफोर्निया की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी के डॉ. ली बर्क का कहना है कि मधुमेह के मरीजों में हार्ट डिजीज का जोखिम काफी अधिक होता है। लेकिन ऐसे मरीज यदि रोज कुछ समय हंसते मुस्कुराते और मौज-मस्ती करते हैं, तो यह खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। डायबिटिक लोगों को डॉ. ली बर्क और उनके साथी शोधकर्ताओं ने स्टैण्डर्ड मेडीकेशन के साथ साथ रोज 30 मिनट का ‘ह्यूमर डोज’ भी लेने की सलाह दी है। इन लोगों ने पाया कि लाफ्टर का डेली डोज लेने वाले मरीजों ने हार्ट डिजीज का जोखिम काफी कम हुआ और अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल 26 फीसदी तक बढ़ा। साथ ही हार्ट को नुकसान पहुंचाने वाले सी रिएक्टिव प्रोटीन के लेवल में 66 फीसदी तक की गिरावट आई।

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हार्ट फ्रेंडली है हंसी

2011 में शोध कर्ताओं ने अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की साइंटिफिक सेशन में एक शोध की रिपोर्ट पेश की। इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने 79 लोगों को लाफ्टर या म्यूजिक थेरेपी दी। वैज्ञानिकों का कहना था कि तीन महीने बाद इन लोगों की स्थिति पहले से काफी बेहतर पायी गयी। हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. माइकल मिलर ने अपनी किताब ‘हील योर हार्ट’ में लिखा है कि हर रोज 10-15 मिनट खुलकर हंसने से हार्ट हैल्दी रहता है और धमनियों में ब्लॉकेज का जोखिम घटता है।

इम्यूनिटी बढ़ाए हंसी

साल 2024 में डिलीवरी के बाद नवजात शिशुओं की मांओं पर किये गए एक शोध की रिपोर्ट जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कम्पलीमेंटरी मेडिसिन में प्रकाशित की गयी। इसमें पाया गया कि लाफ्टर थेरेपी से मांओं की इम्युनिटी इम्प्रूव हुई। इसके बाद और इससे पहले के कुछ शोधों में भी सेहत विज्ञानियों ने ऐसा पाया। उनका मानना है कि हंसने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हंसी इम्यून सेल्स की संख्या और इंफेक्शन से लड़ने वाले एंटीबॉडीज में भी इजाफा करती है।

इम्प्रूव होते हैं रिलेशन

बीएमसी कम्पलीमेंटरी एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध में बताया गया था कि हंसना एक प्रकार का गुडविल मैसेज है। हंसने से आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल इमेज पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है। हंसने मुस्कुराने वाले लोगों का सामाजिक दायरा बड़ा होता है क्योंकि ये आसानी से सबको मित्र बना लेते हैं। इस आदत का फायदा इन्हें प्रोफेशनल फ्रंट पर भी मिलता है। ये अपने जिंदादिल स्वभाव से बॉस, कुलीग्स और क्लाइंट्स सबको खुश रखते हैं।

स्ट्रेस से निजात

2017 में जर्नल ऑफ डेंटल एंड मेडिकल रिसर्च में एक महत्वपूर्ण अध्ययन प्रकाशित हुआ। इसमें हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया से गुजर रहे 40 मरीजों पर किये अध्ययन में पाया गया कि हंसने से उनका ब्लड प्रेशर कम हुआ है। कई शोधकर्ता अध्ययनों में पा चुके हैं कि हंसने से तनाव में राहत मिलती है। हंसने से शरीर में कार्टिसोल और एपिनेफ्रीन जैसे स्ट्रेस हार्मोन्स का लेवल काम होता है। साथ ही हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं जिससे हमारा मूड ठीक हो जाता है।

मसल्स की एक्सरसाइज

शोध के नतीजे बताते हैं कि घंटे भर ठहाके मारकर हंसना 30 मिनट के जिम और वेट लिफ्टिंग जितना कारगर हो सकता है। इसलिए हर रोज खूब हंसें। खुलकर हंसने से हार्ट बीट तेज होती है और शरीर के सभी अंगों तक रक्त का संचार अधिक होता है। वहीं पेट की मांसपेशियों की हल्की एक्सरसाइज भी हो जाती है।

रखे चिर युवा

जमकर ठहाके लगाने वालों में असमय उम्रदराज दिखने की समस्या नहीं होती और उनके चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़तीं। इसकी वजह यह है कि हंसने से चेहरे की 15 मांसपेशियां एक साथ काम करती हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और साथ ही चेहरे की एक्सरसाइज भी हो जाती है।

ब्रीदिंग करे दुरुस्त

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ह्यूमर रिसर्च में 2009 में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा ज्ञा था कि हर रोज कम से कम 30 मिनट हंसना हमारे फेफड़ों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने पाया है कि जोर-जोर से हंसने पर हमारे फेफड़ों से काफी हवा बाहर आ जाती है और ताजा हवा प्रवेश करने के लिए स्पेस बनता है।

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