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अंकुरित अनाज का प्याला सेहत का रखवाला

06:13 AM May 22, 2024 IST

शिखर चन्द जैन
हमारे यहां अंकुरित अनाज खाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। कई दूसरे देशों में भी पुराने जमाने से अंकुरित अनाज के सेवन के चिकित्सकीय महत्व का बखान किया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा में अंकुरित आहार को जीवित भोजन के रूप में स्वीकार किया गया है क्योंकि इसकी प्रकृति क्षारीय होती है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार, हमारे भोजन का एक चौथाई भाग अम्लीय तथा कम से कम तीन चौथाई भाग क्षारीय होना चाहिए जो कच्चे भोजन तथा अंकुरित आहार द्वारा ही संभव है। आज जंक फूड, फास्ट फूड तथा कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर हमारी निर्भरता लगातार बढ़ने से हमारे भोजन की प्रकृति अपेक्षाकृत अधिक अम्लीय हो गई है जो स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं तथा मोटापे का प्रमुख कारण है। यह बात चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित हो चुकी है कि अनाजों के अंकुरित होने पर उनमें पोषक तत्वों की प्रचुरता हो जाती है। इनमें मिनरल्स, प्रोटीन और विटामिन का खजाना होता है। इन्हें कच्चा या फिर पका कर आसानी से खाया और पचाया जा सकता है।

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हड्डियों को दे मजबूती

अंकुरित अनाज में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। यह रक्त नलिकाओं, हड्डियों, दांतों, मसूड़ों, हड्डियों के जोड़ों आदि के लिए काफी फायदेमंद होता है।

प्रोटीन का भंडार

अंकुरित बींस प्रोटीन के भंडार होते हैं। अंकुरित सोयाबीन में 13 फीसदी, मटर और लेंटिल्स में करीब 10 फीसदी प्रोटीन होता है।

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पाचन बने बेहतर

भोजन में पर्याप्त मात्रा में अंकुरित अनाज शामिल करें, तो अधिक भोजन करने से बचा जा सकता है, क्योंकि इनसे जल्दी ही भूख मिट जाती है। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में फाइबर्स की मौजूदगी के कारण पेट अच्छी तरह साफ होता है। इनके सेवन से वजन पर नियंत्रण करना भी संभव है, क्योंकि 10 ग्राम अंकुरित अनाज में मात्र 30 से 50 कैलोरी होती है।

स्किन रखे हमेशा युवा

अंकुरित अनाजों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो डीएनए का क्षरण रोकते हैं। इनके सेवन से न सिर्फ झुर्रियां दूर होती हैं बल्कि एक्जीमा, दाग-धब्बे, मस्से आदि भी नहीं होते, जिससे स्किन युवा रहती है।

दिल भी दुरुस्त

अल्फाल्फा स्प्राउट्स सैपोनिन (फाइटोकेमिकल्स) के अच्छे स्रोत हैं। ये खराब कोलेस्ट्रॉल और वसा को कम रखते हुए अच्छे एचडीएल को बरकरार रखते हैं।

कैंसर का जोखिम करे कम

अल्फाल्फा में मौजूद एक अमीनो अम्ल कैनावेनान पैंक्रियाटिक, ल्यूकीमिया और कोलन कैंसर के मुकाबले के लिए बेहद अच्छा होता है। ब्रोक्रोली और ब्रुसेल्स के स्प्राउट्स भी कैंसर कारक केमिकल्स की असरहीन करने में सक्षम होते हैं।

एनीमिया का दुश्मन

आप भोजन में नियमित रूप से काला चना, अल्फाल्फा, मूंग और जौ के स्प्राउट्स शामिल करें, तो आयरन की कमी महसूस नहीं होगी। इनमें खनिज भी भरपूर होता है और इनके सेवन से रक्त की गुणवत्ता भी ठीक होती है।

विटामिन का खजाना

अनाजों को कुछ दिनों तक अंकुरित करने पर उनमें ए,बी,सी और ई विटामिन की मात्रा में बीस गुणा तक इजाफा हो सकता है। चना और राजमा में तो एक रातभर के लिए भिगोने से ही विटामिन की काफी मात्रा आ जाती है।

इन्फेक्शन से सुरक्षा

अंकुरित बीज और अनाज इन्फेक्शन से भी शरीर की रक्षा करते हैं। इनमें मौजूद सैपोनिंस हानिकारक सेल्स को दूर करके इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ करते हैं।

थकान छू मंतर

नियमित रूप से अंकुरित अनाज खाने वाले आसानी से थकते नहीं, चुस्त-दुरुस्त रहते हैं। इनके सेवन से भरपूर एनर्जी मिलती है। भीगे हुए अनाज, बीज और दालें अंकुरित करके खाने चाहिए।
-जैसा डाइटीशियन संगीता मिश्र ने बताया।

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