पाक को दो टूक
ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान के जवाबी हमले तथा युद्ध विराम के बाद देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़े शब्दों में पाक को चेताया है। उन्होंने सेना के सभी अंगों और सुरक्षा बलों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि फिलहाल युद्ध स्थगित हुआ, खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने साफ किया कि वो दौर चला गया जब भारत परमाणु हमले के नाम पर ब्लैकमेल होता था। अब अगर फिर से हमला हुआ तो पाकिस्तान व आतंकवादियों को अलग-अलग नहीं देखा जाएगा। आतंक की जड़ों पर फिर से प्रहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक में मरे दुर्दांत आतंकवादियों को अंतिम विदाई देने को पाक सेना के बड़े अधिकारी उतावले थे। यह भी कि दो-तीन दशकों में पाकिस्तान ने आतंकवाद की फसल को सींचने के लिये जो संरचना अपने देश में तैयार की है, उससे निकले आतंकवादियों ने ब्रिटेन तथा अमेरिका के 9/11 जैसे हमलों को दुनिया के दूसरे हिस्सों में अंजाम दिया है। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि टॉक और टेरर व ट्रेड और टेरर साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने आतंक की पोषक पाक सरकार को खुले शब्दों में चेताया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उनका इशारा सिंधु समझौते को स्थगित करने की तरफ था। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि अब न्यू नॉर्मल है कि भारत ने आतंक की लड़ाई के खिलाफ नई लकीर खींच दी है। आतंक का अपनी शर्तों पर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, न्यूक्लियर भयादोहन सहन नहीं होगा तथा आतंकवादियों तथा आतंक को पोसने वाली सरकार को अलग-अलग करके नहीं देखा जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को बता दिया है कि आतंकवाद को संरक्षण देने में पाक सरकार की सक्रिय भूमिका है। एक बार फिर पाक पोषित आतंकवाद दुनिया के सामने उजागर हुआ है। साथ ही कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में धर्म पूछकर निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकवादी भारतीय समाज की समरसता को नुकसान पहुंचाने में पूरी तरह विफल रहे हैं।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि भारत सदियों से बुद्ध की संस्कृति व विचारों का पक्षधर रहा है। लेकिन शांति का रास्ता शक्ति के रास्ते से ही होकर जाता है। बिना लाग-लपेट के प्रधानमंत्री ने साफ किया कि भारतीय शांति की नीति को कमजोरी न माना जाए, वक्त आने पर हम शक्ति दिखाने से भी नहीं चूकेंगे। उन्होंने सेना के पराक्रम और भारतीय वैज्ञानिकों की मेधा को सराहते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक ने बता दिया है कि भारत आधुनिक तकनीक से युद्ध के लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम है। भारत ने स्वदेशी प्रयासों व आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ देश को सुरक्षा कवच देने में कामयाबी हासिल की है। ये तकनीकें 21वीं सदी की सामरिक चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम हैं। पाक द्वारा विश्व शक्तियों से हासिल मिसाइलों व ड्रोन को भारतीय वायु प्रतिरक्षा तंत्र ने जिस तरह नाकाम किया, उसने भारत के रक्षा उत्पादों की विश्वसनीयता पर मोहर लगाई है। हम न्यू इरा के वारफेयर मानकों की कसौटी पर खरे उतरे हैं। जो मेड इन इंडिया हथियारों की विश्वसनीयता को वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा। साथ ही उन्होंने भारतीय समाज में एकजुटता को अपरिहार्य बताया। उन्होंने माना कि यह युद्ध का समय नहीं है। लेकिन जब हमारी संप्रभुता और नागरिकों के जीवन पर संकट आएगा तो मुंहतोड़ जवाब जरूर दिया जाएगा। अब समय आ गया है कि पाकिस्तानी हुक्मरानों को आतंकवादियों को खाद-पानी देने से बचना होगा। आतंकवाद के ढांचे को खत्म किए बिना पाकिस्तान में शांति की स्थापना संभव नहीं है। उन्होंने देश के लोगों को भरोसा दिलाया कि भारतीय सेना और सुरक्षा बल किसी भी चुनौती के मुकाबले के लिये तैयार हैं। तब तक तैयार रहेंगे जब तक आतंक के अड्डे खंडहरों में तब्दील नहीं हो जाते। सीमाओं पर शांति इस बात पर निर्भर करेगी कि पाक आतंकवाद को लेकर क्या रवैया अपनाता है। उन्होंने देश की माता-बहनों और बेटियों को आश्वस्त किया कि सरकार का ऑपरेशन सिंदूर उनकी अस्मिता व सुरक्षा के लिये समर्पित था। उस पर किसी कीमत पर आंच नहीं आने दी जाएगी।