For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता का मिलन

06:15 AM Oct 11, 2024 IST
प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता का मिलन
Advertisement

नृपेन्द्र अभिषेक नृप
कश्मीर को ‘धरती का स्वर्ग’ कहा जाता है और यह उपनाम इसकी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और रमणीय परिदृश्यों के कारण दिया गया है। बर्फ से ढकी पर्वत चोटियां, हरे-भरे मैदान, शांत झीलों और सुरम्य घाटियों के साथ, कश्मीर की सुंदरता किसी चित्रकार की कल्पना से कम नहीं है। कश्मीर न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
कश्मीर की यात्रा का सबसे उपयुक्त समय गर्मियों में होता है, खासकर अप्रैल से जून तक। इस समय तापमान लगभग 15° डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहता है। यह समय विशेष रूप से उन पर्यटकों के लिए उपयुक्त होता है जो प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं। यदि आप बर्फबारी का अनुभव और सर्दियों के खेलों का आनंद लेना चाहते हैं, तो सर्दी का मौसम आपके लिए सबसे उपयुक्त है।

Advertisement

डल झील में शिकारा की सवारी

यहां की डल झील प्रसिद्ध है, जो अपनी अद्वितीयता और सुंदरता के कारण जानी जाती है। डल झील के बीच में शिकारा की सवारी पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण है। शिकारा में बैठकर झील के ठंडे पानी पर तैरते हुए सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। डल झील के अलावा, श्रीनगर में निशात बाग, शालीमार बाग और मुगल गार्डन जैसे ऐतिहासिक उद्यान भी पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं। इन उद्यानों की विशेषता यह है कि इन्हें मुगल काल में बनाया गया था और यहां की वास्तुकला और सुंदरता बेहतर है।

स्वर्ग जैसा गुलमर्ग

यह कश्मीर का एक और प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो सर्दियों के मौसम में पर्यटकों के लिए स्वर्ग समान होता है। यह स्थान मुख्य रूप से अपनी बर्फीली ढलानों के लिए जाना जाता है, जहां स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग का आनंद लिया जा सकता है। यहां का गुलमर्ग गोंडोला दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे लंबे केबल कारों में से एक है, जो पर्वतों के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।

Advertisement

पहलगाम का पैगाम

पहलगाम एक छोटा और शांत पहाड़ी स्थल है। यह स्थान लिद्दर नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां की हरियाली, पर्वत शृंखलाएं और ठंडी हवा इसे विशेष बनाते हैं। पहलगाम में घोड़े की सवारी और ट्रैकिंग जैसे साहसिक गतिविधियों का आनंद लिया जा सकता है। पहलगाम अमरनाथ यात्रा का प्रारंभिक बिंदु भी है। हर साल यहां से हजारों श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा के लिए रवाना होते हैं।

सोनमर्ग यानी सोने की घाटी

सोनमर्ग, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘सोने की घाटी’ है, जो अपनी खूबसूरत घाटियों, बर्फ से ढके पहाड़ों और ठंडे झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान गर्मियों के दौरान पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। थजीवास ग्लेशियर यहां का प्रमुख आकर्षण है, जहां पर्यटक ट्रैकिंग और ग्लेशियर की सैर कर सकते हैं। सोनमर्ग में सिंधु नदी भी बहती है, जो मछली पकड़ने के शौकीनों के लिए एक खास आकर्षण है। इसके अलावा, सोनमर्ग से कारगिल और लद्दाख की यात्रा भी की जा सकती है।

युसमर्ग में दूधगंगा

युसमर्ग, कश्मीर का एक छोटा और कम प्रसिद्ध स्थान है, जो अपनी शांत और सुकून भरी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह स्थल उन पर्यटकों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है, जो भीड़भाड़ से दूर कुछ समय बिताना चाहते हैं। युसमर्ग के पास दूधगंगा नदी बहती है।
कश्मीर के निकट के पर्यटन स्थलों में लेह-लद्दाख अपनी साहसिक गतिविधियों, मठों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां की सड़कों पर बाइक राइडिंग का आनंद लेने का अपना अलग ही अनुभव है। लेह में स्थित हेमिस मठ और थिक्से मठ जैसे बौद्ध मठ भी अपनी अनोखी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण आकर्षण का केंद्र हैं।

खानपान की संस्कृति

कश्मीर की संस्कृति और खानपान भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। कश्मीरी वज़वान, जो यहां का पारंपरिक भोजन है। इसमें रोगन जोश, यखनी, गोश्ताबा और दमआलू जैसे स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होते हैं। इसके अलावा, यहां की कश्मीरी कहवा, जो खासतौर पर ठंड के मौसम में पी जाती है, भी विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

हस्तकला की छटा

कश्मीरी हस्तकला, जैसे कि पश्मीना शॉल, कालीन, पेपर माछे से बनी वस्तुएं और लकड़ी की नक्काशीदार फर्नीचर, यहां के स्थानीय बाजारों में मिलती हैं, जो पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
कश्मीर आपको हर रूप में संतुष्ट करेगा। यहां की अद्भुत झीलें, बर्फ से ढके पहाड़, हरे-भरे बागान और शांत घाटियां जीवन को एक नया अनुभव देती हैं।

कैसे पहुंचें

कश्मीर तक पहुंचने के लिए हवाई मार्ग, सड़क मार्ग और रेल मार्ग हैं। हवाई यात्रा से आप सीधे श्रीनगर पहुंच सकते हैं, और वहां से टैक्सी या निजी वाहन किराए पर लेकर अन्य पर्यटन स्थलों तक जा सकते हैं। सड़क मार्ग भी एक बेहतरीन विकल्प है। जम्मू से श्रीनगर तक राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-44 के माध्यम से सड़क यात्रा की जा सकती है। यह यात्रा लगभग 8-10 घंटे की होती है।

Advertisement
Advertisement