फेस्टिवल में दूसरे दिन तक 94 फिल्मों का प्रदर्शन
पंचकूला, 24 फरवरी (हप्र)
पांचवें चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन तक जिन 94 फिल्मों का प्रदर्शन हो चुका है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि म्हारी छोरियां छोरे बालीवुड की प्रतिभाओं तै कम हैं के।
कम हैं तो इनके पास अवसर, मगर इसकी भरपाई भी भारतीय चित्र साधना कर रही है। भारतीय चित्र साधना के प्रयासों से ही फिल्म फेस्टिवल जैसे बड़े कार्यक्रमों से इन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का प्लेटफार्म मिला है। यहां इनके द्वारा तैयार की गई फिल्मों का प्रदर्शन और सामने आई क्षमताओं और प्रोत्साहन ने उनमें खुद के प्रति एक बड़ा भरोसा पैदा किया है। वे भी बेमिसाल हैं और आने वाला वक्त उनका है। वे भी सिने जगत के सितारे बनने की क्षमता रखते हैं।
दूसरे दिन 47 फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। इनमें कई फिल्में ऐसी थीं जब आंसू छलके, तो कुछ ने समझाया कि जिम्मेदार नागरिक के रूप में वे क्या करें और राष्ट्र के प्रति उनकी क्या जिम्मेदारी है। व्यंग्य, हास्य और समाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती इन फिल्मों में भले मूवी मसाला नहीं था, मगर नए भारत में नए आयाम स्थापित करने की जिद्द कई दृश्यों में हिलोरे भरती नजर आई। बीच बीच में करतल ध्वनि ने फिल्म कलाकारों का हौसला भी बढ़ाया। अब तक 133 में से 94 फिल्मों की स्क्रीनिंग हो चुकी है,जबकि शेष फिल्मों का प्रदर्शन समापन समारोह से पहले सुबह साढ़े 10 से साढ़े पांच बजे के बीच होगा।