9 वर्षीय बच्चे की पित्त की थैली का किया सफल ऑपरेशन, पिछले 1 साल से पथरी से था परेशान
फरीदाबाद, 7 अप्रैल (हप्र)
पित्त की थैली में पथरी बनने की समस्या केवल बड़े लोगों में ही नहीं होती है, बल्कि बच्चे भी गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या से ग्रस्त हो रहे हैं। हाल ही में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में बदरपुर नई दिल्ली से पित्त की थैली में पथरी की गंभीर समस्या के साथ आए 9 वर्षीय संस्कार शर्मा का सफल इलाज डॉ. सचिन मित्तल और डाॅ. बीरबल कुमार ने रोबोटिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से किया।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में रोबोटिक, मिनिमली इनवेसिव, बैरिएट्रिक एवं जनरल सर्जरी विभाग के एसोसिएट क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी यूनिट-2 डॉ. सचिन मित्तल ने बताया कि बच्चे के गॉल ब्लैडर में स्टोन था और उसके पेट में दर्द रहता था। उसे खाना खाने में भी दिक्कत रहती थी। अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि मरीज की पित्त की थैली में पथरी हैं और सूजन है। मरीज का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। लेप्रोस्कोपी से 3 एमएम के छोटे इंस्ट्रूमेंट से ऑपरेशन कर पित्त की थैली को निकाल दिया। ऑपरेशन के 2 घंटे बाद ही बच्चे को खाने-पीने को दिया। बच्चे ने रिकवरी बहुत तेजी से की। अगले दिन उसे डिस्चार्ज कर दिया। डॉ. सचिन मित्तल ने कहा कि अगर छोटे बच्चों में भी पित्त की थैली में पथरी है और बच्चे को परेशानी हो रही है तो इसका इलाज भी ऑपरेशन ही है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है और अगले दिन मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है। इस ऑपरेशन में हमें मात्र 35 मिनट का समय लगा।