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83 शिक्षकों को किया डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक अवॉर्ड से सम्मानित

11:08 AM Sep 02, 2024 IST
भिवानी में रविवार को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह में सम्मानित किए गए शिक्षक। -हप्र

भिवानी, 1 सितंबर (हप्र)
युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट भिवानी के बैनर तले एवं महात्मा ज्योतिबा फूले धर्मार्थ ट्रस्ट के सहयोग से रविवार को स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी नरसिंह मंदिर में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह-2024 का आयोजन किया गया। इस दौरान हरियाणा सहित हिमाचल, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली से कुल 83 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिनमें हरियाणा प्रदेश से 60 एवं अन्य राज्यों के 23 शिक्षकों को डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने शिरकत की तथा अध्यक्षता हनुमान जोहड़ी मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज ने की। मंच का संचालन शिक्षाविद् मनोज शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा की अलख जगाने के साथ-साथ पर्यावरण व जल संरक्षण, नशा मुक्त भारत, स्वच्छता अभियान व अन्य सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि अध्यापक समाज का शिल्पकार होता है तथा देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बच्चों को शिक्षित करने के साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों के दिमाग को आकार देने के साथ सपनों को संवारते हैं। शिक्षकों की ही देन है कि युवा आगे चलकर अपने जीवन में सफल होते हैं। हर एक इंसान के जीवन में शिक्षकों या गुरुओं का बहुत योगदान है, क्योंकि अगर शिक्षक नहीं होते तो आने वाली पीढ़ियों को अच्छा ज्ञान नहीं मिल पाता है।

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शिक्षक होता है जीवन का मार्गदर्शक...

इस मौके पर बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने कहा कि एक शिक्षक वर्तमान पीढ़ी के निर्माण एवं विद्यार्थियों का मार्गदर्शक होता है, जोकि अपने ज्ञान एवं समर्पण के माध्यम से अनगिनत लोगों के जीवन को आकार देने के साथ उनके जीवन में ज्ञान का प्रकाश बिखेर कर उन्हे उज्जवल भविष्य की तरफ अग्रसर करता है। शिक्षकों के बिना मानव जीवन सार्थक ही नहीं हो सकता, इसीलिए गुरु का दर्जा माता-पिता से भी सर्वोच्च बताया गया है।

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